एक तरफ केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण तो दूसरी तरफ पीएम मोदी के आगमन को लेकर नगर निगम ने शहर को स्वच्छ करने का अब जाकर संकल्प लिया। जिला प्रशासन की बैठक में आलाधिकारियों ने भागलपुर को इंदौर की तर्ज पर स्वच्छ करने की बात कही। फिर मंगलवार को स्वच्छता के प
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इसके इतर सफाई के मूल कार्यों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। शहर का कूड़ा कनकैथी डंपिंग ग्राउंड भेजने की बातें भी झूठी साबित हो रही है। निगम के स्वच्छता के दावों के बीच सवाल उठ रहा है कि आखिर साहेबगंज स्थित भूतनाथ मंदिर रोड में कूड़ा कहां से डंप हो रहा? नाथनगर चंपा पुल के ठीक पार करते ही कैसे डंप कूड़े में लगातार आग लगाई जा रही है?
पिछले माह स्मार्ट सिटी के इंजीनियर पंकज कुमार को सफाई में सुधार का प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गई। इंजीनियर ने निगम के बताए 5 स्थानों की जांच की। जब इंजीनियर मुसहरी घाट व भूतनाथ मंदिर रोड स्थित कचरा ट्रांसफर स्टेशन पहुंचे तो दोनों बंद था, मशीनें काम नहीं कर रही थी। लाजपत पार्क के पास दो काम्पैक्टर में एक चालू था। बबरगंज स्टेशन चालू था। पुलिस लाइन परिसर में कचरे से खाद बनाने का पीटलाइन होना बताया था, लेकिन पीटलाइन दिखी ही नहीं।
कनकैथी स्थित डंपिंग ग्राउंड जाने पर कूड़े का पहाड़ दिखा। वहां तय मानक से कूड़ा रखने के लिए पहले से फर्श तैयार नहीं किया गया था। ऐसे में सूखा व गीला कचरा एक साथ जमा करने से उससे रिसनेवाला गंदा पानी की मात्रा आसपास की जमीन में जा रही है। शहर के 80 हजार होल्डिंग टैक्सधारकों के घर से प्रतिदिन 273 टन कचरा निकलता है। जिसे कनकैथी डंपिंग ग्राउंड भेजा जाता है। इसमें से 160 टन गीला कचरा रहता है।