8 मिनट पहले
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इंसान देवत्व प्राप्त कर सकता है, क्योंकि हर व्यक्ति के अंदर देवत्व जागरण की संभावनाएं हैं। जो लोग शास्त्र पढ़ते रहते हैं, वे अपने सत्य से परिचित हैं। शास्त्रों में लिखा है कि अहं ब्रह्मास्मि यानी मैं ब्रह्म हूं। मनुष्य के भाग्य में ईश्वर बनना लिखा है। हमारे जीवन में असीम संभावनाएं हैं। भविष्य में जो होने वाला है, वह श्रेष्ठ, पवित्र और दिव्य है। हमारे भविष्य में महानताएं हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे भीतर देवत्व कैसे जाग सकता है?
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