हरिद्वार2 घंटे पहले
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इस संसार में एक जैसा कुछ नहीं है। विभिन्नताएं इस सृष्टि का सौंदर्य है। इसलिए यहां अनेक जातियां, मत, पंथ, संप्रदाय हैं। हमारी संस्कृति ऐसा कहती है कि सब में एक ही ब्रह्म का वास है। परमात्मा एक ही है और वह एक से अनेक होकर विभिन्न रूपों में दिखता है। भारतीय संस्कृति ने एकता बनाए रखने का संदेश दिया है। हमें ये संदेश मिलता है कि हम एक हैं। यही हमारी संस्कृति की सबसे अच्छी बात है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए आपस में प्रेम बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
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