37 मिनट पहले
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जीवन की महानता उदारता पर निर्भर करती है। हमें अपने भीतर की करुणा, सत्यता, माधुर्य को जगाना चाहिए। हम जब ऐसा करेंगे, तब नि:संदेह हमारे नकारात्मक विचार खत्म होंगे और ये पूरी सृष्टि ही अच्छी लगने लगेगी। जो लोग बहुत नकारात्मक रहते हैं, उन्हें कहीं कुछ अच्छा नहीं लगता है। ये सृष्टि मोहक है, प्रिय है, ईश्वर की कृति है, इसलिए इसके सौंदर्य को देखें और उसका आनंद लें।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे विचार कैसे होने चाहिए?
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