हरिद्वार3 मिनट पहले
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जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो विद्या, अध्ययन, अनुभव, गुरु के आशीष के साथ हमारा व्यवहार भी अच्छा होना चाहिए। हमारी भाषा में माधुर्य के साथ विनम्रता और गंभीरता भी होनी चाहिए। ऐसी भाषा न बोलें जो ट्रैंडी हो, ट्रैंडी का अर्थ है जो ऐसी ही चलती-फिरती भाषा है। हमें सस्ते शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसी भाषा न हो, जिससे दूसरों का अनादर होता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे कार्य कैसे सिद्ध हो सकते हैं?
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