Avdheshanand Giri Maharaj Life Lessons, Silence, speaking, praise others, life | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: मौन तप है, लेकिन बोलना एक कला है, दूसरों की प्रशंसा करें और अच्छी बातों का समर्थन करें

हरिद्वार4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मौन रहना एक तप की तरह है। मौन से हमारी शक्तियां जागती हैं, ऊर्जा बढ़ती है और हमारे आसपास दिव्यता का वातावरण बन जाता है। मौन तप है, लेकिन हमारा बोलना भी एक कला है। कुछ लोग केवल मौन रहते हैं और कुछ लोग बोलकर बड़े काम कर लेते हैं। जरूरत के समय भी चुप रहना, दूसरों की प्रशंसा न करना, किसी की अच्छी बातों का समर्थन न करना, ये सही नहीं है। अच्छा बोलना सीखें।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारी बोली में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *