हरिद्वार25 मिनट पहले
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विवेक, विचार, सत्संग और स्वाध्याय, ये सभी आध्यात्मिक पथ के साधन हैं। इनके बिना व्यक्ति अपने लक्ष्य से भटक जाता है। जब हम पदार्थों के मोह से दूर हो जाते हैं, सांसारिक आकर्षण हमें आकर्षित नहीं करते हैं, जब विवेक जागता है, तब हमारे जीवन में आनंद आता है। हमारा विवेक महापुरुषों के सत्संग और ग्रंथों के पाठ से जागता है। जो लोग निरतंर अध्ययन करते हैं, वे सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हम विवेक से अपने जीवन को कैसे दिव्य बना सकते हैं?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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