हरिद्वार4 मिनट पहले
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पवित्रता में ही परमात्मा वास करते हैं। परमात्मा की कृपा चाहते हैं तो पवित्र रहें। हमारे यहां शुभ काम करने से पहले पवित्र होने की परंपरा है। स्नान से शरीर, अच्छी बातों से वाणी, भलाई के कर्मों से हाथ और शुभ विचारों से मन पवित्र होता है। जीवन में पवित्रता को जरूर अपनाएं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए मन, वचन और कर्म की पवित्रता से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
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