हरिद्वार12 मिनट पहले
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जो तीनों कालों में अखंड रहता है और कभी बदलता नहीं है, वह सत्य है। जो बदलता है और जिसमें विकार है, वह सत्य नहीं है। हमारा शरीर बदलता है, विचार बदलते हैं, परिस्थितियां, ऋतुएं भी बदलती हैं। सभी चीजें बदलती हैं, लेकिन सच कभी भी बदलता नहीं है, ये भूत, भविष्य और वर्तमान, तीनों कालों में एक समान रहता है। इसलिए हमें कभी भी सत्य का त्याग नहीं करना चाहिए, तभी जीवन में आनंद बना रह सकता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारा परम लक्ष्य क्या है?
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