हरिद्वार27 मिनट पहले
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प्रकृति में एक जैसा कुछ भी नहीं है। यहां हर पल परिवर्तन होते रहते हैं। धरती, जलवायु, आकाश, अग्नि के प्रभाव से प्रकृति के अनेक रूप बदलते रहते हैं। हम जिस जगत में रहते हैं, वह बदलने वाला जगत है। संसार परिवर्तनशील है, लेकिन जो चीजें नहीं बदलती है, वह हैं हमारी आत्मा, स्वभाव और वास्तविक स्वरूप। हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौतियां भय और भ्रम हैं। भय-भ्रम की वजह से हम दुखी रहते हैं। हम दुखों से तभी मुक्त हो सकते हैं, जब हम अपना वास्तविक स्वरूप पहचान लेते हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए जीवन में आनंद कैसे मिल सकता है?
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