हरिद्वार4 मिनट पहले
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हम भगवान से अलग नहीं हैं। भगवान की शक्तियां, दिव्यताएं और पवित्रताएं हम सभी में अंश रूप में विराजमान हैं। हम ईश्वर का ही विस्तार हैं। इंसान ईश्वर से कभी भी अलग नहीं है। हमारी कल्पनाओं में, विचारों में, चिंतन में भले ही ईश्वर न रहे, लेकिन हम ईश्वर से कभी भी अलग नहीं हो सकते हैं। जो लोग ये बातें समझ लेते हैं, उनकी सभी शक्तियां जागृत होने लगती हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे में विचारों में पवित्रता कैसे आ सकती है?
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