1 घंटे पहले
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अध्यात्म की यात्रा अनंतता की यात्रा है, स्वयं की ओर मुड़ने की यात्रा है। इस यात्रा में अपार आनंद, अतुल्य ऊर्जा, प्रकाश, शक्ति, सामर्थ्य मिलता है। भीतर की यात्रा हो या बाहर की, दोनों यात्राओं में कोई मार्गदर्शक चाहिए। मार्गदर्शक हमें बताता है कि हमारी यात्रा सही दिशा में और सही गति के साथ है या नहीं। जीवन में हम कुछ भी काम करें, हम कहीं भी जाएं, हमें मार्गदर्शक चाहिए, और वह मार्गदर्शक है गुरु। हमें गुरु के उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए। तभी जीवन की यात्रा सिद्ध होगी।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हम अपने लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकते हैं?
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