हरिद्वार12 मिनट पहले
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दूसरों की भलाई करना हमारी संस्कृति है। हमें दूसरों के हित में काम करना चाहिए। दूसरों को अपनी ओर से कुछ अच्छी चीजें देनी चाहिए। हमारे पास जो कुछ जरूरत से ज्यादा है, उसे दूसरों के साथ बांटना चाहिए। जो लोग साधनहीन हैं, उनकी मदद के लिए तैयार रहें। हम धन, कपड़े, दवाइयां और अनाज देकर दूसरों की भलाई कर सकते हैं। दूसरों को अच्छे संस्कार और विचारों भी दिए जा सकते हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए दूसरों की भलाई करने से हमें क्या लाभ मिलता है?
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