4 मिनट पहले
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अज्ञानता की वजह से हम दूसरों की प्रगति देखकर विचलित हो जाते हैं, हमारे मन में जलन की भावना आ जाती है। जो व्यक्ति ये समझता है कि सभी लोगों में एक ही परमात्मा विद्यमान है, सभी में एक ही चेतना है, वह दूसरों से ईर्ष्या नहीं करता है। संसार में परमात्मा से अलग कोई नहीं है। भारतीय संस्कृति में पूरा विश्व एक कुटुंब माना गया है। इसलिए किसी से ईर्ष्या न करें।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए जीवन में आनंद पाने के लिए क्या करें?
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