1 घंटे पहले
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ये पूरा विश्व एक ही संकल्प से रचा हुआ है। एक ही परमात्मा अलग-अलग रूप में हर जगह मौजूद है। अनेकता में एकता का दर्शन हमारी संस्कृति ने पूरे विश्व को कराया है। परमात्मा से अलग कुछ भी नहीं है, हर जीव उससे जुड़ा है। प्रकृति में विभिन्नताएं होना स्वाभाविक है, लेकिन इन अनेकताओं में एक ही सत्य है, एक ही परमात्मा है। इस सत्य को समझना चाहिए।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए परमात्मा से जुड़ी किन बातों का ध्यान रखें?
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