हरिद्वार39 मिनट पहले
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विद्या सबसे अमूल्य धन है। इसे कोई चोर चुरा नहीं सकता और ये धन बांटने से कम भी नहीं होता है। विद्या ऐसा धन है जो हमेशा रहता है, इसमें अमरता, श्रेष्ठता है और ये बढ़ता रहता है। हमारे पास मूल्यवान चीजें होनी चाहिए, घर होना चाहिए, सुख-सुविधाएं होनी चाहिए, लेकिन इस सबक के साथ ही विद्या यानी ज्ञान भी होना चाहिए।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए अभाव कैसे दूर हो सकते हैं?
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