हरिद्वार2 मिनट पहले
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जीवन वर्तमान है। भूतकाल या भविष्य जीवन नहीं है। बीते समय की चर्चा की जाती है तो वह भूतकाल है और भविष्य की बात करते हैं तो वह कल्पनाएं होती हैं। यादें भूतकाल की और कल्पनाएं भविष्य की होती हैं। हमें वर्तमान में रहना चाहिए। अपने बल, ज्ञान, अध्ययन, अनुभव, सामर्थ्य को समझें। हमें अकारण ही बड़े-बड़े लक्ष्य नहीं बनाने चाहिए। ऐसे लक्ष्य बनाएं, जिन्हें हासिल किया जा सकता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए लक्ष्य कैसे पूरे किए जा सकते हैं?
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