हरिद्वार8 मिनट पहले
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हमें सभी लोगों के हितों की रक्षा के लिए काम करना चाहिए। हिन्दू वैदिक सनातन संस्कृति में लोगों को अपने हिस्से में से कुछ देने की बात कही गई है। हम दूसरों के हितैषी रहें, चैतन्य और जागरूक रहें। दूसरों के अधिकारों की, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करें। परमार्थी व्यक्ति वही है जो इंसानों के साथ ही, पशु-पंछी, वृक्ष और प्रकृति के लिए भी सजग रहता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए अपना जीवन श्रेष्ठ कैसे बन सकता है?
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