हरिद्वार10 मिनट पहले
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श्रद्धा सबसे मूल्यवान भाव है। सच्ची श्रद्धा हमें लौकिक-पारलौकिक सभी अनुकूलताएं प्रदान करती है। जो कुछ देवताओं के पास है, प्रकृति के पास है, वह हमें श्रद्धा से मिल सकता है। श्रद्धा से ही हमें ईश्वर की अनंतता और प्रकाश प्राप्त होता है। श्रद्धा में ही हमें ज्ञान मिलता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए समस्याओं के समाधान कैसे मिल सकते हैं?
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