Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. we should do good works, we should speak good words | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: स्नान से शरीर, सुवचन से वाणी और निष्काम कर्म से हमारे हाथ पवित्र होते हैं

हरिद्वार12 मिनट पहले

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शुचिता यानी पवित्रता में ईश्वर वास करते हैं। परमात्मा को साकार देखना है तो पवित्र रहें। हमारे यहां शुभ कार्य करने से पहले पवित्र होने की परंपरा है। स्नान से शरीर पवित्र होता है, सुवचन से वाणी पवित्र होती है, निष्काम कर्म से हाथ पवित्र होते हैं। जीवन में पवित्रता को अपनाएं, क्योंकि इसी में ऐश्वर्य, महालक्ष्मी और शुभता विद्यमान है।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए पवित्रता की वजह से जीवन में क्या बदलाव आते हैं?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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