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- Avdheshanand Giri Maharaj Life Lesson. Those Whose Mind Is Pure And Who Have A Feeling Of Devotion In Their Hearts, They Are Dear To God
हरिद्वार9 मिनट पहले
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भगवान की कृपा पाना जीवन का मूख्य लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हमारा मन निर्मल और पवित्र होना चाहिए। जिनका मन निर्मल है, जिनके मन में शुचिता और समर्पण की भावना है, वही ईश्वर को अत्यंत प्रिय हैं। हमें किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए और सभी से प्रेम करना चाहिए, क्योंकि परमात्मा सभी में है, परमात्मा से अलग कोई है ही नहीं। इसलिए किसी से द्वेष रखने का अर्थ है, ईश्वर से द्वेष रखना।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे संकल्प कैसे होने चाहिए?
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