Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. Our resolutions should be pure and auspicious | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: हमारे संकल्प पवित्र और शुभ होने चाहिए, हम निरंतर अच्छे काम करते रहें, यही पुरुषार्थ है

हरिद्वार13 मिनट पहले

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मन, वचन, कर्म में पवित्रता और एकता बनाए रखना ही सबसे बड़ा पुरुषार्थ है। हमारे शास्त्र कहते हैं कि मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम् यानी हमें मन, वचन, कर्म से हम एक रहना चाहिए। हमारे विचार पवित्र रहें। हमारे संकल्प शुभ हों और हम निरंतर अच्छे काम करते रहें। तभी जीवन में सुख-शांति आती है।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमें आत्म जागरण की दिशा में क्या करना चाहिए?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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