Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. Our culture, the entire world is a family, Sarve Bhavantu Sukhin | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: हमारी संस्कृति ने पूरे विश्व को कुटुम्ब माना है, सर्वे भवन्तु सुखिन: जैसे विचार दिए हैं

हरिद्वार13 मिनट पहले

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आपसी संघर्ष की एक वजह द्वेष भी है और ये द्वेष इसलिए है, क्योंकि हम अपने अज्ञानता के कारण दूसरों की प्रगति को देखकर विचलित हो जाते हैं। अगर हम ये समझें कि सभी में कोई एक ही तत्व विद्यमान है, कोई एक ही सत्ता है जो सभी में चैतन्य है तो हमारी अप्रसन्नता दूर हो जाएगी। हमारी संस्कृति ने पूरे विश्व को कुटुम्ब माना है, सर्वे भवन्तु सुखिन: जैसे विचार दिए हैं।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए आपसी संघर्ष कैसे दूर कर सकते हैं?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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