हरिद्वार15 मिनट पहले
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आत्मविश्वासी के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है। कोई काम असंभव उसके लिए है जो आलसी है और जो कर्मशील नहीं है। कर्म एक बीज है, उसका फल बड़ा सुंदर होता है। हमारे मन, वचन और कर्म से जो कुछ काम हो रहा है, उसके परिणाम हमें जरूर प्राप्त होंगे। इसलिए हमारे मन, वचन और कर्म में प्रियता और एकरूपता होनी चाहिए। हम श्रद्धा से भरे हों और जब हममें गहरा विश्वास आता है, तब हमारे लक्ष्य पूरे होते हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए आत्मविश्वास क्यों जरूरी है?
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