हरिद्वार25 मिनट पहले
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भगवान का विधान सभी के लिए मंगलमय, निर्दोष और कल्याणकारी है। ये विधान प्रत्येक जीव के सम्मान, सुख और रक्षा के लिए है। प्रकृति निरंतर सहयोगी बनकर हर व्यक्ति की मदद करती है। प्रकृति हमारा रक्षण और पालन-पोषण करती है। प्रकृति हमें सब कुछ देना चाहती है, लेकिन लालची का पेट तो स्वयं ईश्वर भी नहीं भर सकते हैं। हमें प्रकृति के सभी प्राकृतिक नियमों का पालन करना चाहिए।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे जीवन में रोग क्यों आते हैं?
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