हरिद्वार9 मिनट पहले
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शास्त्र कहते हैं कि मनुष्य के मन में असीमित ऊर्जा, शक्ति और सामर्थ्य है। जब हम अपने विचार, भाव, संकल्प, सामर्थ्य, ऊर्जा और शक्ति का सही इस्तेमाल करते हैं तो बड़े से बड़े कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं। मन ही हमारे सभी बंधन और मोक्ष का कारण है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमें कठिनाइयां कब विचलित नहीं कर पाती हैं?
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