हरिद्वार9 मिनट पहले
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भगवान धरती, अंबर, अग्नि, जलवायु, निहारिका, नक्षत्र के माध्यम से सभी का भला कर रहे हैं। पूरी सृष्टि परमात्मा की करुणा का विस्तार है। धरती की उर्वरा में, जल की आर्द्रता में, अग्नि की दाहकता में, जल की शीतलता में, परमात्मा ही वास करते हैं। अन्न में भी परमात्मा ही हैं। सब में वही एक परमात्मा है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए परमात्मा का अनुभव कैसे हो सकता है?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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