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- Avdheshanand Giri Maharaj Life Lesson. Everything In The World Has Originated From God, God Appears As Many From One
हरिद्वार9 मिनट पहले
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इस विश्व में जो कुछ भी है, वह सब ईश्वर का ही विस्तार है। जैसे बीज से वृक्ष बनता है और वृक्ष में अलग-अलग वस्तुएं गोंद, छाल, छाया, वल्कल, हरितिमा, गंध-सुगंध बीज का ही विस्तार है। ठीक इसी तरह ईश्वर से अलग संसार में कुछ भी नहीं है। विश्व की सभी चीजें भौर, दोपहर, सांझ, रात, अग्नि, जल, वायु, निहारिका, नक्षत्र, प्रकृति के विविध रूप, अलग-अलग प्राणी सभी अलग दिखाई देते हैं। हमारे रूप अनेक हैं। इन अनेकताओं में एक ही सत्य है, एक से अनेक होकर ईश्वर विविध रूपों में दिखाई देता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए ईश्वर अनेक रूपों में कैसे दिखाई देता है?
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