Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. Along with love, justice and purity, divine values should also be present in our speech and conduct | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: हमारी वाणी और व्यवहार में प्रेम, न्याय, पवित्रता के साथ-साथ दिव्य संस्कार भी रहने चाहिए

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हरिद्वार39 मिनट पहले

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अभिव्यक्ति में मधुरता रखें। हमारी अभिव्यक्ति में प्रेम, न्याय, अपनापन भी होना चाहिए। हमारे वाणी और व्यवहार में पवित्रता के साथ-साथ दिव्य संस्कार भी रहें। हमारी अभिव्यक्ति, हमारे अध्ययन, हमारे पूर्वजों का परिचय देती है। हम ईश्वर की संतानें हैं। इसलिए अभिव्यक्ति के मामले में सतर्क रहना चाहिए।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए जीवन की सिद्धि का आधार क्या है?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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