मुंबई48 मिनट पहले
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एथर एनर्जी का शेयर आज यानी 6 मई को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर इश्यू प्राइस से 1.57% ऊपर ₹326.05 पर लिस्ट हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 2.18% ऊपर ₹328 पर लिस्ट हुआ। एथर एनर्जी के IPO का इश्यू प्राइस ₹321 था।
- यह IPO रिटेल निवेशकों के लिए 28 अप्रैल से 30 अप्रैल तक बोली लगाने के लिए ओपन था, जो टोटल 1.50 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
- रिटेल कैटेगरी में IPO 1.89 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी में 1.76 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटेगरी में 0.69 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
मैक्सिमम 598 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक इस IPO के लिए रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 46 शेयर्स के लिए अप्लाई कर सकते थे। IPO के अपर प्राइज बैंड ₹321 के हिसाब से 1 लॉट के लिए ₹14,766 का इन्वेस्टमेंट करना था।
वहीं रिटेल इन्वेस्टर्स IPO के मैक्सिमम 13 लॉट यानी 598 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। जिसके लिए इनवेस्टर्स को मैक्सिमम ₹1,91,958 का इन्वेस्टमेंट करना होता।
एंकर निवेशकों से जुटाए थे 1,340 रुपए एथर एनर्जी ने IPO के लिए एंकर निवेशकों से ₹1,340 करोड़ जुटाए थे। शेयरों को ₹321 प्रति शेयर के हिसाब से आवंटित किया गया। कुल 4.18 करोड़ इक्विटी शेयर 36 एंकर निवेशकों को आवंटित किए गए हैं। इनमें SBI, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA), इन्वेस्को, फ्रैंकलिन टेम्पलटन, ICICI प्रूडेंशियल, मॉर्गन स्टैनली और सोसाइटी जेनेराल जैसे नाम शामिल हैं।
IPO से जुटाए फंड का कहां इस्तेमाल एथर एनर्जी IPO की आय का उपयोग महाराष्ट्र के पश्चिमी राज्य में अपनी नई फैक्ट्री की फंडिंग के लिए, रिसर्च और डेवलपमेंट, लोन चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी।
भारत में टॉप-4 इलेक्ट्रिक स्कूटर मैन्युफैक्चरर्स में से एक है एथर अप्रैल 2024 तक एथर एनर्जी, ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस और बजाज ऑटो के साथ भारत में टॉप-4 इलेक्ट्रिक स्कूटर मैन्युफैक्चरर्स में से एक थी। एथर एनर्जी अक्टूबर 2013 में इनकॉरपोरेट हुई थी। यह कंपनी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, सेलिंग और सर्विसिंग के बिजनेस से जुड़ी है। कंपनी का खुद का चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी है।
IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।