‘भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पिछले 20 साल से अजमा लिया है। साल 2005 में कांग्रेस की सरकार आई थी, तो 67 विधायक बने थे। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में 3 इलेक्शन लड़े गए, उन्होंने पार्टी को घटाने का काम किया। पार्टी कभी उनके नेतृत्व में नहीं
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यह बात कांग्रेस नेता और असंध से पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कही। उनका कहना है कि राज्य में कांग्रेस, कांग्रेस से लड़ रही है। उसकी भाजपा से लड़ाई ही नहीं है। भाजपा के लोग समाज को बांट रहे हैं। संविधान के खिलाफ बात करने वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। मुझे नायब सैनी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
दैनिक भास्कर ने EVM में गड़बड़ी, कांग्रेस की हार, पार्टी में गुटबाजी, प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रहे विवाद को लेकर शमशेर सिंह गोगी से बातचीत की। पढ़िए गोगी से बातचीत के प्रमुख अंश…
सवाल : वकालत की डिग्री हासिल कर चुके शमशेर सिंह गोगी राजनीतिक अखाड़े में कहां खता खा गए?
गोगी : नहीं, खता नहीं खाई है। मेरा उद्देश्य फेयर तरीके से इलेक्शन लड़ने का रहा है। मैंने जब पहला इलेक्शन जीता, तब भी मैंने एक भी शराब की बोतल किसी को नहीं दी थी। मैं इस तरीके में विश्वास नहीं रखता। आज लोकतंत्र में तंत्र जीत गया और लोकतंत्र हार गया। मैं लोकतंत्र में विश्वास रखता हूं और उसकी मर्यादा के हिसाब से मैंने इलेक्शन लड़ा।
सवाल : करनाल में सुमिता सिंह और घरौंडा में वीरेंद्र राठौर EVM पर ठीकरा फोड़कर अब गायब हैं?
गोगी : देखो, हम तो रोज जनता के बीच जा रहे हैं। जनता के बिना हमारे पास क्या है। मैंने तो रिजल्ट के अगले दिन ही सभी वर्करों का धन्यवाद किया था और लगातार लोगों के सुख-दुख में शामिल हो रहा हूं।
सवाल: CM नायब सिंह सैनी आपके बयानों को लेकर काफी ठहाके लगाते हुए नजर आते हैं, काफी तंज कसते हैं? चाहे आप हो, राहुल गांधी, या फिर कांग्रेस हो?
जवाब: नायब सैनी जी चीफ मिनिस्टर बन गए हैं, वह एक अलग बात है। नायब सिंह सैनी मेरे को जानते नहीं है, मेरे को सारी जनता जानती है। इस तरह के आदमियों से मुझे सर्टिफिकेट की भी जरूरत नहीं है। मैं इसके बारे में कुछ कहना नहीं चाहता। एक कहावत है- जो चोर होता है, उसको सारी दुनिया चोर ही नजर आती है।
सवाल: आपने 6 महीने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई। आप किस तरह पार्टी को एक प्लेटफार्म पर लाओगे? कौन सा तरीका है, जिसे कांग्रेस अपनाकर आगे सत्ता में वापसी कर सके?
गोगी : देखो, मैंने 6 महीने के लिए नहीं कहा। मैंने ये कहा था कि हाईकमान को इस पर फैसला लेना है। मैंने तो एक उदाहरण के तौर पर कहा था कि अगर मेरे को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाए, तो मैं पार्टी को खड़ा कर दूंगा और उसके बाद जब इलेक्शन आएगा, 2 साल का समय बचा होगा, तब पार्टी जो भी करना चाहे, वो करे।
सवाल: खेमेबंदी करने का आरोप हुड्डा पर लगता रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं आप सैलजा गुट को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं?
गोगी : मैं कांग्रेस का आदमी हूं, मैं किसी गुट की बात ही नहीं करता। पार्टी के अंदर कोई न कोई नेता और कोई न कोई साथी एक दूसरे की मदद करता है। सैलजा ने हमारी मदद की है, हम भी उसकी मदद करना चाहते हैं, वह एक अलग बात है। मैं पार्टी से ऊपर किसी नेता को नहीं मानता। मैं उन्हीं नेताओं के बारे में कह रहा हूं, जो अपने आपको पार्टी से ऊपर मान रहे हैं।
सवाल: क्या कांग्रेस की हार का कारण कांग्रेस नेताओं के बयान हैं, क्योंकि आपने भी पहले अपना घर भरने वाला बयान दिया था?
जवाब: अगर मेरी हार का कारण मेरा बयान होता, तो मैं असंध शहर से मैं कैसे जीतता। कैसे साढ़े 52 हजार वोट लोगों ने मुझे दिए। यह तो भाजपा वालों का बनाया हुआ है। पूरे देश और समाज को जिस बात पर शर्म आनी चाहिए, उस पर इनका चीफ मिनिस्टर आकर कहता है कि बटोगे तो कटोगे। ये समाज को बांट रहे है, संविधान के खिलाफ बात करने वाले मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
अब महाराष्ट्र में भी इनके होर्डिंग लग गए, वहां भी ऐसा ही है। मतलब इनको आजादी मिली हुई, पता नहीं समाज के लोग कैसी विचारधारा में चले गए कि वे इनको समझ ही नहीं पा रहे हैं। जिस देश का समाज बंट गया और भाईचारा टूट गया, तो वह देश कैसे बचेगा?
सवाल: चुनाव हारने के बाद भी पार्टी में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, क्या लगता है पार्टी मजबूत हो पाएगी?
गोगी : मेरी पार्टी हाईकमान से रिक्वेस्ट है कि नई लीडरशिप के साथ पार्टी आगे आए। जिस आदमी (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) को पिछले 20 साल से आजमा लिया है। 2005 में कांग्रेस की सरकार आई थी, तो 67 MLA थे। उसके बाद जिनके नेतृत्व में 3 इलेक्शन लड़े गए, उन्होंने पार्टी को घटाने का काम किया है।
पार्टी कभी भी उनके नेतृत्व में नहीं जीती। पार्टी किसी नए नेता को आजमाकर देखो। जात-बिरादरी इसमें मायने नहीं रखती। कांग्रेसी होना इसमें मायने रखता है। जो कांग्रेस को या फिर हाईकमान को ब्लैकमेल न करे, आंख न दिखाए, अपने आपको पार्टी से ऊपर न समझे और जो खुद काे पार्टी का सिपाही समझे, ऐसे आदमी को आगे लेकर आओ।
सवाल: अगर सुरजेवाला को अध्यक्ष बना दिया जाए, वह खेमेबंदी को खत्म कर पार्टी को एक मंच पर लेकर आ पाएंगे?
गोगी : मैं इसमें कुछ नहीं कह सकता। ये हाईकमान का फैसला होगा। मैंने तो अपना नाम भी उदाहरण के तौर पर लिया था। लोगों ने उसी को हव्वा बना दिया। मैने उदाहरण दिया था कि 3 साल पार्टी का काम करो और 2 साल इलेक्शन पर काम करो।
सवाल: विधानसभा में आपने काफी मुद्दे उठाए, असंध को जिला बनाने का भी बड़ा मुद्दा था। चूंकि अब आप चुनाव हार चुके हैं तो जनता के बीच में किस तरह से जाएंगे और क्या कार्यप्रणाली रहेगी?
गोगी : अभी मुद्दे हैं। जब मैं विधायक था, उस समय मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे। उन्होंने विधानसभा में आश्वासन दिया था कि हम स्मार्ट सिटी के 735 करोड़ के प्रोजेक्ट की जांच कराएंगे, लेकिन आज तक उसकी कोई जांच नहीं हुई। मैं स्पीकर को चिट्ठी लिखूंगा और मांग करूंगा कि यह जो आश्वासन मनोहर लाल द्वारा दिया गया था, उसकी जांच करवाकर रिपोर्ट मुझे दी जाए।
सवाल : कांग्रेस की लहर थी, एग्जिट पोल भी कांग्रेस के पक्ष में थे, लेकिन सरकार नहीं आई। अब कांग्रेस कैसे सत्ता में वापसी कर पाएगी?
गोगी : कांग्रेस को सबसे पहले भाजपा के खिलाफ लड़ना सीखना चाहिए। मैं 5 साल MLA रहा और उससे पहले भी जब मैं MLA बनने की तैयारी कर रहा था। पिछले 10 साल में मैंने एक चीज देखी है कि कांग्रेस, कांग्रेस से ही लड़ रही है। भाजपा से लड़ ही नहीं रही है, तो जीतेगी कैसे?
सवाल: EVM में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी, लेकिन कोर्ट ने फटकार लगा दी?
गोगी : देखो, वो एक अलग बात है। वह किस तरीके से हुआ, कैसे हुआ, वो एक लीगल मैटर है। मैं तो यह कहता हूं कि अगर EVM में गड़बड़ी नहीं है, तो इलेक्शन कमीशन की जिम्मेदारी है कि जो जनता की परसेप्शन है, उसका जवाब देना। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है और जनता कह रही है कि EVM में गड़बड़ी है, तो इसका जवाब देना उनका काम है।
एक बैटरी 70 प्रतिशत पर है और एक बैटरी 99 प्रतिशत पर है। या तो सारी बैटरी 70 आए या फिर सारी 99 आए। अगर यह अंतर है तो क्यों है? हालांकि मैं कोई मशीन का इंजीनियर नहीं हूं। इस मामले में एलन मस्क दुनिया का सबसे बड़ा आदमी है। वो कह रहा है कि मेरे को दो, मैं हैक करके दिखा देता हूं। तो सरकार को इसमें क्या इंटरेस्ट है।
सवाल: आपके हिसाब से कौन सा नेता है जो खेमेबंदी को खत्म करके सबको एक मंच पर लेकर आ सकता है?
गोगी : ऐसा नहीं है, यह तो हालात के अनुसार होता है। पता नहीं जनता किसको नेता बना दे। जब जयप्रकाश नारायण की क्रांति आई थी तो पहले से जय प्रकाश नारायण तय थोड़े ही था। जनता ने नेता बना दिया। यह तो हाईकमान को फैसला करना है। अब जो चले हुए कारतूस हो चुके हैं, उनसे अलग भी कोई नए कारतूस खरीदने है या नहीं खरीदने।
सवाल: जनता के लिए कोई अंतिम संदेश?
गोगी : आने वाला समय जनता के लिए अच्छा हो। भाजपा ने जो समाज बांटने वाले नारे दिए है और उन नारों पर अब भी महाराष्ट्र में इलेक्शन लड़ा जा रहा है। ये देश बांटने का नारा है, अगर इस देश का बंटवारा किसी दिन होगा तो यह RSS और BJP ही करेगी, इनकी मानसिकता ही खराब है। बाकी सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं।
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