हाथरस के कस्बा मुरसान में इस समय रामलीला का आयोजन हो रहा है। रामलीला में कलाकार विभिन्न लीलाओं का मंचन कर रहे हैं। काफी लोग रामलीला देखने के लिए आ रहे हैं। रामलीला के सातवें दिन भी कई लीलाओं का मंचन हुआ। इस दौरान दर्शकों ने रामलीला में कलाकारों की सर
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इस लीला के तहत कैकेयी ने राम को वनवास भेजा और राम अयोध्या छोड़कर राम लक्ष्मण के साथ वन की ओर चल दिए। सीता और मंत्री सहित दोनों भाई श्रृंगवेरपुर जा पहुंचे। मंत्री सुमंत अयोध्या लौटकर आ गए। राम को वापस न लाने का मलाल उनको रहा।
जब दशरथ को यह ज्ञात हुआ कि राम, लखन और सीता वापस नहीं आए हैं, तो उन्होंने राम नाम पुकारते हुए प्राण त्याग दिए। मंचन के भावुक दृश्य को देखकर भावविभोर दर्शकों की आंखें भी नम हो गई। जिस समय दशरथ प्राण त्यागने को होते है, वे अपनी पत्नी को याद दिलाते है कि मेरे द्वारा अनजाने में माता-पिता के परमभक्त श्रवण कुमार की मौत हो गई थी।
जमकर लगे जय श्री राम के नारे… रामलीला के दौरान जमकर जय श्री राम के नारे लगे। पूरा वातावरण भगवान श्री राम की भक्ति में डूब गया। इस मौके पर रामलीला महोत्सव कमेटी अध्यक्ष संतोष तिवारी, लावण्य तिवारी, राजू उर्फ भालू अग्रवाल, राधेलाल अग्रवाल, राजीव सविता, महेश चंद्र शर्मा, देवेंद्र दीक्षित, अभिषेक सारस्वत, विनोद सविता, शशिकांत सारस्वत आदि लोग थे।