आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसयटी की मीनाक्षी मोदी, नेहा मोदी, ललिता राजपुरोहित और विनय के खिलाफ ईडी मामलों की विशेष अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए है। वहीं अदालत ने प्रियंका मोदी के खिलाफ समन जारी कर मुंबई पुलिस कमिश्नर को तामील कराने के लिए कहा
.
ईडी ने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की जांच में 3800 करोड़ के अधिक के अनियमित लेनदेन का पता लगाया था। ईडी की जांच में सामने आया था कि मुख्य आरोपी मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों से मिलीभगत कर निवेशकों के खातों से पैसा निकाला और बाद में इंटर लिंक फर्जी लेनदेन के जरिए फर्जी लोन बांट दिए।
ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है ईडी ने सोसायटी के खिलाफ एसओजी द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के मामले को आधार बनाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। इस मामले में ईडी सोसायटी की करोड़ो रुपए की संपत्ति भी अटैच कर चुकी हैं।
दरअसल, राजस्थान के सिरोही जिले में मुकेश मोदी और राहुल मोदी ने साल 1999 में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की नींव रखी और अहमदाबाद में इसका कार्यालय खोला। इसके बाद इन लोगों से सोसायटी में निवेश करवाने का सिलसिला शुरू किया, जो 31 अगस्त 2016 तक जारी रहा।
इस बीच सोसायटी की 806 शाखाएं खोली गई और ठगी के कारोबार को गुजरात और राजस्थान से 28 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचाया गया। इनमें सबसे ज्यादा 309 शाखाएं राजस्थान में थी।