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इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने गुरुवार को अरेस्ट वारंट जारी किया है। नेतन्याहू के खिलाफ गाजा में युद्ध अपराध (वॉर क्राइम) का आरोप है। इस मामले में इजराइल के पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट और हमास के पूर्व कमांडर मोहम्मद दाइफ के खिलाफ भी वारंट जारी हुआ है।
वारंट जारी करते हुए ICC ने कहा कि गाजा में भुखमरी और फिलिस्तीनियों के खिलाफ अत्याचारों के लिए नेतन्याहू और गैलेंट को जिम्मेदार ठहराए जाने के लिए ठोस आधार है।
वांरट में मोहम्मद दाइफ को इजराइल में 7 अक्टूबर को बड़े पैमाने पर हत्याओं, बलात्कार और लोगों को बंधक बनाकर साथ ले जाने का आरोप है। हालांकि इजराइल ने दावा किया था कि उसने जुलाई में एक हमले में मोहम्मद दाइफ का मार दिया है।
ICC यूक्रेन में वॉर क्राइम के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुका है।
आदेश में ICC ने दाइफ की मौत से जुड़ी जानकारियां जुटाने के लिए कहा है।
इजराइल ने आरोपों को खारिज किया इजराइल ने ICC के क्षेत्राधिकार को खारिज करते हुए गाजा में युद्ध अपराधों से इनकार किया है। इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बैनेट ने नेतन्याहू और गैलेंट के खिलाफ वारंट जारी करने की आलोचना की है। इजराइल के प्रमुख विपक्षी नेता यायर लिपिड ने भी इस आदेश की निंदा करते हुए इसे आतंकवाद के लिए इनाम करार दिया।
वारंट पर नेतन्याहू और गेलेंट की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ICC के पास गिरफ्तारी की पावर नहीं ICC ने यह वारंट जारी तो कर दिया है, लेकिन उसके पास संदिग्धों की गिरफ्तारी की शक्तियां नहीं हैं। वह सिर्फ उन देशों में अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है, जिन्होंने इस कोर्ट की स्थापना करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। रूस ने दस्तखत नहीं किए हैं। इसलिए पुतिन की गिरफ्तारी नहीं हो सकती।
2002 में शुरू हुआ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट 1 जुलाई 2002 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC की शुरुआत हुई थी। ये संस्था दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय द हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं।
इजराइल-हमास जंग को 13 महीने हुए, 90% गाजा बर्बाद इजराइल-हमास जंग को 13 महीने हो चुके हैं। 7 अक्टूबर 2023 को इसकी शुरुआत हुई थी। हमास के सैकड़ों आतंकी गाजा पट्टी के रास्ते साउथ इजराइल में घुस गए। अंधाधुंध फायरिंग की। 1139 लोगों को मार दिया और 251 लोगों को अगवा करके ले गए। चंद घंटों बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया।
इस जंग के शुरू होने के बाद से गाजा में 44 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। गाजा हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, ये गाजा की आबादी का करीब 2% है। इजराइली सेना के मुताबिक, इनमें 17 से 18 हजार हमास के लड़ाके थे। इजराइल और हमास के बीच शुरू हुई जंग अब बढ़ते-बढ़ते लेबनान और ईरान तक पहुंच गई।
जून में जारी यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में खाना जुटाना चुनौती बन गया है। यहां के 50,000 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हैं। गाजा का हेल्थ सिस्टम ध्वस्त हो चुका है।
इजराइल की बमबारी में गाजा के ज्यादातर अस्पताल तबाह हो चुके हैं। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की अप्रैल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि युद्ध से पहले यहां डायरिया के मामले 25 गुना बढ़े हैं। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर से अब तक इजराइलियों ने फिलिस्तीनियों पर 1 हजार से ज्यादा हमले किए।
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इजराइल पर 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले का मास्टरमाइंड हमास चीफ याह्या सिनवार मारा गया है। हमास ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। हमास के नेता खलील अल हय्या ने कहा है कि वे इजराइल के खिलाफ अपनी जंग जारी रखेंगे।