बिहार में जमीन का पूरा हिसाब-किताब अब नए सिरे से होगा। इसके लिए बिहार सरकार ने 20 अगस्त से भूमि सर्वेक्षण शुरू किया है। यह सर्वेक्षण राज्य के 45 हजार से अधिक गांवों में होगा। इस सर्वेक्षण में जमीन पर बने मकानों और दूसरी चीजों की भी जानकारी देनी होगी।
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पटना में सर्वे की जानकारी देने के लिए मंगलवार को पंचायतवार ग्राम सभा की शुरुआत हुई। गांव से बाहर रहने वाले लोग अपनी जमीन का सर्वे कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। जमीन की जांच के दौरान उपस्थित रहना होगा।
जिला बंदोबस्त पदाधिकारी राजीव रंजन प्रभाकर ने कहा कि 1323 राजस्व गांवों में विशेष सर्वे होगा। इसमें नगर निकाय शामिल नहीं है। ग्राम सभा के माध्यम से लोगों के सर्वे के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। रैयतों एवं भूमि धारकों को जमीन की स्वघोषणा प्रपत्र – 2 और वंशावली की घोषणा प्रपत्र – 3 (1) के माध्यम से करनी है। आम लोग इस प्रपत्र को भरकर संबंधित अंचल शिविर के शिविर प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पास जमा करेंगे। इसका सत्यापन कर आगे की प्रक्रिया प्रक्रिया होगी।
ग्राम सभा के दौरान सर्वे अधिकारियों ने लोगों से स्वघोषणा प्रपत्र और वंशावली की घोषणा प्रपत्र भरकर देने के साथ जमीन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने, अपनी जमीन के सभी मोड़ को चिन्हित करने अपील की है, ताकि नापी के दौरान दस्तावेज में उपलब्ध जमीन के हिसाब से नापी की जाए।
पटना के बख्तियारपुर अंचल के मझौली पंचायत, नौबतपुर अंचल के नवही पंचायत, फतुहा अंचल के जेठुली, मौजीपुर, डुमरी पंचायत, सम्पतचक अंचल के कंडाप पंचायत, मसौढ़ी अंचल के देवरिया पंचायत, बिहटा अंचल के पुरूषोत्तमपुर और पटना सदर अंचल के मरची पंचायत,पालीगंज के सिंगोड़ी पंचायत में ग्रामसभा का आयोजन किया गया।
इन पंचायतों में रहने वाले लोगों को अफसरों ने सर्वे से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई। नौबतपुर के नवही पंचायत में आयोजित ग्रामसभा में जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने उपस्थित लोगों को ऑनलाइन आवेदन-ऑफलाइन आवेदन के संबंध में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई।