Apple India Jobs; iPhone | Indian Workforce Expansion Update | एपल 3 साल में 5 लाख भारतीयों को देगा नौकरी: अभी 1.5 लाख लोग काम कर रहे, चीन से अपनी आधी सप्लाई चेन भारत शिफ्ट करेगी कंपनी


नई दिल्ली10 दिन पहले

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आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल अगले 3 साल में भारत में 5 लाख लोगों को नौकरी दे सकती है। ये नौकरियां वेंडर्स और कंपोनेंट्स सप्लायर्स के जरिए जनरेट होंगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया, ‘एपल भारत में अपॉइंटमेंट में तेजी ला रहा है।’

उन्होंने बताया कि वर्तमान में एपल के वेंडर्स और सप्लायर्स भारत में 1.5 लाख लोगों को रोजगार देते हैं। इनमें एपल के दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट ऑपरेट करने वाली कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे बड़ी जॉब जनरेटर है। हालांकि एपल की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है।

चीन से सप्लाई चेन का आधा हिस्सा भारत शिफ्ट करने की प्लानिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एपल ने कोरोना महामारी के बाद से ही चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की रणनीति अपनाई हुई है और भारत में निवेश कर रही है।

कंपनी की प्लानिंग अगले 3 साल में अपनी मौजूदा सप्लाई चेन का कम से कम आधा हिस्सा चीन से भारत ट्रासंफर करने की है। इसके तहत भारतीय सप्लायर्स पर जोर देना शुरू कर दिया है।

कंपनी का टारगेट अगले 4 से 5 साल में भारत में अपने प्रोडक्शन को 5 गुना से ज्यादा बढ़ाकर 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 3.32 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंचाना है।

एपल का पूरी दुनिया में सबसे अधिक घरेलू वैल्यू एडिशन चीन में
Apple के अलावा दुनिया की और भी कई कंपनियों ने इस रणनीति को अपनाया हुआ है, जिसे ‘चीन प्लस वन पॉलिसी’ के नाम से जाना जाता है।

फिलहाल एपल का पूरी दुनिया में सबसे अधिक घरेलू वैल्यू एडिशन चीन में ही है, जो करीब 28% है। वहीं भारत में वैल्यू-एडिशन करीब 11-12% है, जिसके 15-18% तक जाने की उम्मीद है।

एपल ने पहली बार शिपमेंट में 10 मिलियन यूनिट
मार्केट रिसर्च फर्म काउंटर पॉइंट रिसर्च के अनुसार, एपल ने 2023 में पहली बार भारत में रेवेन्यू जनरेट करने के मामले में टॉप पॉजीशन हासिल की है। हालांकि, सेल्स के मामले में सैमसंग आगे बना हुआ है।

काउंटरपॉइंट ने रिपोर्ट में बताया कि एपल ने पिछले साल पहली बार शिपमेंट में 10 मिलियन यूनिट का आंकड़ा पार किया। ट्रेड इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म द ट्रेड विजन के अनुसार, भारत से एपल का आईफोन एक्सपोर्ट 2022-23 में 6.27 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो करीब 100% की भारी वृद्धि दिखाता है।

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