ब्रज रज उत्सव में प्रस्तुति देते भजन गायक पद्मश्री अनूप जलोटा
मथुरा में चल रहा ब्रज रज उत्सव अब अंतिम दौर में पहुंच गया है। गुरुवार को भजन सम्राट अनूप जलोटा ने समापन दिवस की पूर्व संध्या पर अपनी आवाज की मधुरता से ब्रजवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ब्रज रज उत्सव का आयोजन उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, केंद
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उत्सव के 10 वें दिन अनूप जलोटा ने दी प्रस्तुति
5 नवंबर से शुरू हुआ ब्रज रज उत्सव 15 नवंबर को खत्म होने जा रहा है। इस 11 दिवसीय उत्सव के 10 वें दिन गुरुवार को भजन सम्राट अनूप जलोटा की भजन प्रस्तुतियों पर भक्ति संगीत की रसधारा बही। भजन संध्या की शुरुआत काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है, राम खड़े हैं लिए धनुष अब बंसी बजने वाली है बोलो राम राम राम बोलो राम से हुई।
अनूप जलोटा के भजनों पर भक्ति की रस धारा बही
एक के बाद एक भजन गा कर किया श्रोताओं को मंत्रमुग्ध
इसके बाद भजन सम्राट के संगीतमय भजनों के स्वर पंडाल में भक्ति का रस घोलने लगे। दुनियां चले ना श्रीराम के बिना, राम ना चलें हनुमान के बिना, अच्युतम केशवम राम नारायनम, मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे राम आएंगे, ऐसे लागी लगन मीरा हो गई मगन जैसे भजनों से उन्होंने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया तो लोग उनके साथ गुनगुनाने लगे। पद्मश्री अनूप जलोटा ने गोविंद जय जय गोपाल जय जय, प्रभु जी तुम चंदन हम पानी, जग में सुंदर हैं दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पडे़। आदि भजनों से भाव विभोर कर दिया।
अनूप जलोटा के भजनों ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया
ब्रज के कलाकारों ने दी प्रस्तुति
इस दौरान सह कलाकारों ने भी भजन सम्राट के स्वर से स्वर मिलाए। इस तरह भगवान श्रीकृष्ण को भूमि पर ब्रज रज उत्सव में सजी भजनों की महफिल शहर के सांस्कृतिक इतिहास को और मजबूत कर गई। भजन सम्राट अनूप जलोटा ने इस शाम को यादगार बना दिया। इससे पूर्व स्थानीय कलाकारो ने ब्रज संस्कृति की छाप छोड़ी। कान्हा अकादमी के कलाकारों ने गायन-वादन-नृत्य प्रस्तुत किया। इसमें ओडीसी नृत्य शैली अच्युतम केशवम – राधा कृष्ण नृत्य शानदार रहा। इंदू गुप्ता गोरखपुर ने भक्ति संगीत और योगेश कुमार शर्मा ने ब्रज के भाव गीत प्रस्तुति किए। संचालन – आँचल यादव ने किया।इस मौके पर राज्यसभा सांसद तेजवीर सिंह, एमएलसी योगेश नौहवार सहित आदि गणमान्य मौजूद रहें।