Anandpur Sahib (Punjab) Lok Sabha Election 2024; Congress Candidate Vs AAP Akali Dal | आनंदपुर साहिब में विधायकों से नाराजगी पर फंसी AAP: कांग्रेस को पैराशूट कैंडिडेट-गुटबाजी से नुकसान; अकालियों को लोकल फेस, BJP को राम मंदिर का सहारा – Punjab News

पंजाब का आनंदपुर साहिब, जहां गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यहां तख्त श्री केसगढ़ साहिब है, जो सिख धर्म के पांच तख्तों में से तीसरा है। अब इस पवित्र धरती में चुनावी रण सज चुका है। इस सीट पर हिमाचल, राजस्थान, हरियाणा व यूपी से आकर बसे

.

पिछले 3 चुनावों में 2 बार कांग्रेस और एक बार अकाली दल के पास यह सीट रही है। इस बार कांग्रेस ने हिंदू वोट बैंक को साधने के लिए संगरूर से पूर्व सांसद रह चुके विजय इंद्र सिंगला को टिकट दिया है। वहीं शिरोमणि अकाली दल ने प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा को चुनावी रण में उतारा है।

आम आदमी पार्टी (AAP) ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर कंग को मौका दिया है। जबकि भाजपा ने सुभाष शर्मा पर दांव खेला है। वहीं बसपा के स्टेट प्रधान जसबीर सिंह गढ़ी भी मैदान में हैं। लोगों और एक्सपर्ट के मुताबिक, यहां पर आम आदमी पार्टी (AAP), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और कांग्रेस के बीच मुकाबला है।

3 पॉइंट में समझें आनंदपुर साहिब का समीकरण

  • आनंदपुर साहिब में AAP सरकार की मुफ्त बिजली, फ्री राशन स्कीम व महिलाओं को फ्री बस सुविधा से लोग खुश है। हालांकि हलकों में इनके विधायकों से लोग खुश नहीं है। कई विधायक जीतने के बाद हलके में सक्रिय नहीं है। इसका नुकसान AAP कैंडिडेट मालविंदर सिंह कंग को उठाना पड़ सकता है।
  • कांग्रेस ने तीसरी बार बाहरी उम्मीदवार उतारा है। सांसद मनीष तिवारी हलका छोड़कर चंडीगढ़ से चुनावी मैदान में हैं। यह चीज कांग्रेस के पक्ष में नहीं लग रही है। विपक्षी दल भी इसी मुद्दे पर पार्टी को घेर रहे हैं। पार्टी नेता अंदरखाते एकजुट न होने से भी नुकसान है।
  • भाजपा और अकाली दल इस बार चुनावी मैदान में अलग-अलग हैं। इस चीज का दोनों दलों काे नुकसान है। बीजेपी के साथ हिंदू वोटर है, राम मंदिर का असर भी दिख रहा है। ग्रामीण एरिया में अकाली दल मजबूत नजर आ रही है।
  • लोगों का कहना कि बीजेपी को अविनाश राय खन्ना या लोकल चेहरा उतारना चाहिए थे। जो कि जमीन पर सक्रिय होता। शिरोमणि अकाली दल के चंदूमाजरा 15 साल से हलके में सक्रिय हैं। उनके नाम पर वोट हैं। शिअद और कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार पुराने राजनीति के खिलाड़ी है।

5 गांवों में चुनाव का बायकॉट

पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से सटे मुल्लांपुर के साथ लगते ग्रामीण एरिया में विकास न होने से करीब 5 गांवों के लोगों ने चुनाव का बायकॉट करने का ऐलान किया है। उन्होंने चुनाव बायकॉट करने संबंधी पोस्टर गांव में चस्पा कर दिए हैं। इस बात ने सभी दलों की नींद उड़ाई हुई है।

हिमाचल शिफ्ट होती इंडस्ट्री और नशा बड़ा मुद्दा

यहां बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। शहरी एरिया में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार, स्कूल व कॉलेजों तक पहुंचा नशा, उचित तरीके से विकास न हो पाने की वजह से भी लोग नाराज हैं। हिमाचल प्रदेश में इंडस्ट्री को काफी छूट दी गई है उनका टैक्स माफ है। इस वजह से यहां से इंडस्ट्री वहीं शिफ्ट होती जा रही हैं।

नेशनल हाईवे के लिए एक्वायर की जा रही जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलना और हिमाचल से आने वाले जंगली जानवरों से किसान परेशान हैं। इसके अलावा चंगर एरिया में पानी की कमी और निचले एरिया में सतलुज से होने वाली तबाही भी किसानों को नुकसान पहुंचा रही है। वहीं अग्निवीर योजना से भी लोगों में नाराजगी है। इस स्कीम को तुरंत बंद करने की मांग की जा रही है।

आनंदपुर साहिब सीट का जातीय समीकरण
यहां पर 42.55 फीसदी सिख हैं। जबकि 31.7 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं। इसके साथ यहां मुसलमान 1.9 फीसदी, जैन 0.12 फीसदी, ईसाई 0.41 फीसदी और बौद्ध 0.36 फीसदी हैं।

मौजूदा समय में यह राजनीतिक स्थिति
आनंदपुर साहिब सीट 2008 में 4 जिलों के एरिया से मिलकर बनी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में इस हलके में शामिल 9 सीटों में से एक सीट बग्गा शिरोमणि अकाली दल व नवांशहर बसपा ने जीती थी। जबकि अन्य 7 सीटें AAP ने जीती थी।

2019 में आप से आगे रही थी BSP 2019 के चुनाव में AAP के उम्मीदवार पर BSP भारी रही थी। उन्हें केवल 5 फीसदी के करीब वोट मिले थे। इस दौरान कुल 10,86,563 (69.44%) लोगों ने मतदान किया था। कांग्रेस के उम्मीदवार मनीष तिवारी को 4 लाख 27 हजार 955 (39%) मत मिले थे। जबकि उस समय भाजपा और अकाली दल के साझे उम्मीदवार प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा दूसरे स्थान पर रहे थे।

उन्हें 3,81,161 यानी 35.24 फीसदी मत मिले थे। जबकि बसपा के उम्मीदवार विक्रमजीत सिंह सोढी 1,46,44 (13.54%) मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं AAP उम्मीदवार नरेंद्र सिंह शेरगिल 53,052 (4.90%) मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे।

क्या कहते हैं वोटर…

विशाल ने कहा- कानून व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा
मोहाली के निजी बैंक के वाइस प्रेसिडेंट विशाल शर्मा ने कहा कि इस चुनाव में इलाके की कानून व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा है। आए दिन घटनाएं हो रही हैं। रोजाना चोरी और डकैती की घटनाएं सामने आती हैं। सरकार ने रजिस्ट्री के लिए NOC की शर्त हटाने की बात कहीं थी, लेकिन आज तक वह फैसला लागू नहीं हुआ। जनता बहुत परेशान हैं। युवा विदेश की तरफ जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में पंजाब खाली ही हो जाएगा।

मनोज बोले- मंहगाई, पढ़ाई और दवाई हैं मुद्दे
मनोज मक्कड़ पेशे से कारोबारी हैं। उनका कहना है कि मंहगाई, पढ़ाई और दवाई 3 प्रमुख मुद्दे हैं। कोई ऐसा घर नहीं जहां बच्चा पढ़ाई न कर रहा हो और न कोई ऐसा घर है जहां दवाई की जरूरत न पड़ती हो। हम तो यह चाहते हैं कि हलके में जो भी नेता आए, हमारी इन दिक्कतों को दूर करे। हम तो हर तरह का टैक्स अदा करते हैं। बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ना पसंद नहीं करते हैं। मॉडल या निजी की बात करते हैं। निजी स्कूलों ने लूट मचा रखी है।

स्वर्ण सिंह बोले- AAP ने लोगों की नहीं सुनी
मुल्लांपुर के गांव झंडेमाजरा निवासी बुजुर्ग स्वर्ण सिंह का कहना है कि झाड़ू यानी AAP का जोर चल रहा है। हालांकि झाड़ू वालों को कुछ लोग चाहते भी हैं, कुछ लोग नहीं चाहते हैं। नहीं चाहने के पीछे वजह है कि पिछली बार वोट लेने के बाद उन्होंने लोगों की कोई बात नहीं सुनी। इस वजह से उनकी तरफ लोगों की नाराजगी है।

मुख्यतार ने कहा- क्लिनिक व स्कूल भी नहीं खुले
गांव बस्सी के मुख्यतार सिंह का कहना है बुंगा साहिब से नूरपुर बेदी रोड डॉ. दलजीत सिंह चीमा के समय में बनी थी। उसके बाद 5 साल कांग्रेस और ढाई साल आप वालों को आए हुए हो गए हैं। दोनों सरकारों ने सड़क नहीं बनाई। अब होला मोहल्ले पर पैचवर्क लगाकर चले गए। इसके अलावा नई सरकार ने गांवों को कोई पैसा नहीं दिया। इलाके में कोई स्मार्ट स्कूल और मोहल्ला क्लिनिक भी नहीं है

प्यारा सिंह ने कहा- पानी और जंगली पशुओं से तंग
आनंदपुर साहिब के बुजुर्ग प्यारा सिंह ने बताया कि वह किसान हैं। करीब सौ एकड़ जमीन उनकी अपनी है। उनके एरिया में पानी की कमी सबसे बड़ा मुद्दा है। जंगली जानवरों की वजह से फसलों को नुकसान होता है। उसके लिए सभी को कहा कि कंटीली तार लगाकर दो, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सड़कों का बुरा हाल है। स्कूलों की हालत खराब है।

श्याम ने कहा- इलेक्शन का किया बायकॉट
मुल्लांपुर के कसौली गांव के श्याम सिंह ने कहा कि गांव की जमीन मलकीयत का इंतकाल बहाल किया जाए। मुल्लांपुर बैरियर से लेकर हरियाणा बॉर्डर तक जाने वाली सड़क प्रधानमंत्री योजना के तहत बनाई जाए और पुल बनाए जाए। आने जाने के लिए बस और सेहत सुविधाओं के लिए डिस्पेंसरी बनाई जाए।

सीनियर पत्रकार बोले- BJP को राम का सहारा
सीनियर पत्रकार दर्शन सिंह सोढी ने कहा कि आनंदपुर साहिब सीट पंथक हलके के रूप में अपनी पहचान रखती है, लेकिन यहां पर हिंदू लोग भी काफी ज्यादा हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने हिंदू तो AAP और शिअद ने सिख चेहरे मैदान में उतारे हैं। यहां पर मुकाबला चौकोना है। इसमें कोई संदेह नहीं है। बीजेपी को हिंदू वोट बैंक व राम मंदिर के नाम पर वोट मिलेंगे तो वहीं किसानों के विरोध का उन्हें नुकसान है।

कांग्रेस का कैडर मजबूत है, लेकिन कांग्रेस मुकाबले में नहीं दिख रही। क्योंकि उम्मीदवार पैराशूट है। जब हलका बना था तो रवनीत बिट्‌टू काे टिकट दी गई, वह हलका छोड़कर चले गए हैं। अब मनीष तिवारी ने हलका छोड़ दिया। इस वजह से कांग्रेस को नुकसान होगा।

मनमोहन चीमा ने कहा- AAP और शिअद में टक्कर
राजनीति के माहिर मनमोहन चीमा का कहना है कि आनंदपुर साहिब हलके में मुकाबला AAP और शिरोमणि अकाली दल में लग रहा है। कांग्रेस और भाजपा ने बाहरी कैंडिडेट चुनावी मैदान में उतारे हैं। अकाली दल के चंदूमाजरा काफी पुराने नेता हैं।

वहीं, AAP का तो जोर है। जो सुविधाएं लोगों को दी हैं, चुनाव की गारंटियां पूरी की हैं, उसका असर ग्रामीण एरिया में दिख रहा है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *