शाह ने गुंडम गांव की स्कूल में बच्चों से सवाल-जवाब भी किए।
अमित शाह देश के पहले केंद्रीय गृहमंत्री हैं जो खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा के गढ़ पहुंचे। नक्सलगढ़ में 48 घंटे बिताए। हिड़मा के गांव से नक्सलियों को ललकारा। शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ सहित देशभर से नक्सलवाद का सफाया कर देंगे।
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शाह गुंडम में महुआ पेड़ के नीचे जन चौपाल लगाई और यहां के ग्रामीणों से सीधे रूबरू हुए। गांव वालों ने उन्हें कोचई कांदा, तीखुर, बास्ता समेत अन्य देसी सब्जियां गिफ्ट की, जिसे वे अपने साथ दिल्ली लेकर गए।
खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव गुंडम में ग्रामीणों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुलाकात की।
अमित शाह दो दिनी छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। वे ज्यादा समय बस्तर में रहे। 14 दिसंबर की रात वे रायपुर पहुंचे। यहां रात रुकने के बाद अगले दिन 15 दिसंबर की सुबह राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम में शामिल हुए। जिसके बाद वे उसी दिन दोपहर 3 बजे जगदलपुर पहुंचकर बस्तर ओलिंपिक कार्यक्रम में शिरकत किए।
अमित शाह ने गुंडम में चौपाल भी लगाई, इस दौरान उनके साथ सीएम साय (बाएं) और डिप्टी सीएम शर्मा(दाएं) भी मौजूद रहे।
नक्सलियों को दी सीधी चेतावनी
मंच से उन्होंने नक्सलियों को चेताया और कहा कि हथियार डाल दो, अगर हिंसा की तो हमारे जवान निपटेंगे। शाह ने 31 मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलियों से मुक्त करने डेड लाइन जारी कर दी है। सरेंडर्ड नक्सली, नक्सल हिंसा पीड़ित और शहीद हुए जवानों से मुलाकात की। अमित शाह जगदलपुर के अमर वाटिका भी पहुंचे और शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।
अमित शाह ने नक्सल हिंसा पीड़ित, सरेंडर नक्सलियों से भी मुलाकात की।
गुंडम में स्थित सुरक्षाबलों के कैंप में शाह ने जवानों के हथियार भी देखे। इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल नक्सलियों के खिलाफ जंग के मैदान में किया जाता है।
गुंडम दौरे के दौरान शाह ने स्कूली छात्रा से मिलकर बातचीत की।
नक्सल मोर्च पर तैनात जवानों का हौसला बढ़ाया
गृहमंत्री शाह ने रात जगदलपुर में बिताई और अगले दिन यानी 16 दिसंबर की सुबह वे सीधे नक्सली कमांडर हिड़मा के गढ़ गुंडम गांव पहुंच गए। यहां नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से मुलाकात की उनका हौसला बढ़ाया। इसके बाद वे ग्रामीणों से मिले।
हिड़मा के गढ़ गुंडेम में ग्रामीणों ने अमित शाह को कांदा-बास्ता के साथ कई सब्जियां भी गिफ्ट किए।
नक्सलगढ़ के गांव तक पहुंचेगी सभी सुविधाएं
शाह ने लोगों से वादा किया कि एक साल के अंदर उनके गांव तक हर बुनियादी सुविधाएं पहुंचेंगी। आधार कार्ड, राशन कार्ड बनेंगे। बैंक में खाता खोला जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से बदले में उनका साथ और विश्वास मांगा। शाह ने गांव वालों से कहा कि, जब भी कोई ग्रामीण बीमार होए तो बेझिझक होकर सुरक्षाबलों के कैंप पहुंचे। यहां उनका इलाज होगा, मदद मिलेगी। जवानों के साथ फ्रेंडली रहें।
अमित शाह ने जगदलपुर दौरे के दौरान दौरे सरेंडर्ड नक्सलियों और पीड़ित परिवारों से भी चर्चा की थी।
शाह ने बच्चों को पढ़ाया
गृहमंत्री गुंडम गांव के प्राथमिक शाला भी पहुंचे। यहां बच्चों से मिले। स्कूल का हाल जाना। उन्होंने बच्चों के परिजनों से कहा कि, उन्हें स्कूल भेजने बिल्कुल भी ढिलाई न बरतें। साथ ही जानवरों की तस्वीर दिखाकर उन्होंने बच्चों से उसका नाम पहुंचा। जिसका जवाब बच्चों ने दिया। गृहमंत्री ने गुंडम गांव में करीब 1 घंटे से ज्यादा का वक्त बिताया।
बस्तर ओलिंपिक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह को आदिवासी गौर मुकुट भी पहनाया गया।
बस्तर में शाह की 12 बड़ी बातें
- बस्तर में नक्सलवाद के ताबूत में आखिरी कील है। हथियार छोड़ दें सरेंडर करें। छत्तीसगढ़ की सरेंडर पॉलिसी देशभर में सबसे अच्छी।
- नियद नेल्लानार योजना से बस्तर में कई विकास कार्य होंगे। मोदी सरकार ने 10 साल में नक्सलवाद के खिलाफ 2 मोर्चे पर काम किया। कड़ाई की और समर्पण करने वालों को बसाया।
- जवानों की शहादत में 73 प्रतिशत कमी आई। 31 मार्च 2026 को नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। नक्सलवाद समाप्त होगा तो कश्मीर से ज्यादा पर्यटक बस्तर में आएंगे। उद्योग लगाएंगे।
- आने वाले दिनों में तेंदूपत्ता की खरीदी में परिवर्तन करेंगे। नक्सलियों की आर्थिक स्थिति खराब करेंगे।
- नक्सल पीड़ितों के लिए 15000 अतिरिक्त आवास बनाए जा रहे।
- नुआ बाट दस्ता हमारे देश के लिए उम्मीद की किरण है। पॉजिटिव इको सिस्टम बनाने की शुरुआत करेंगे।
- बस्तर में अनेक संभावनाएं हैं। अगले ओलिंपिक में यहां के बच्चे गोल्ड लाएंगे तो पूरा भारत गर्व करेगा।
- आजादी के आंदोलन मे हजारों आदिवासी सेनानियों की याद में देश भर में म्यूजियम बनेंगे।
- कांग्रेस काल में 2013-2014 का आदिवासी कल्याण बजट 28000 करोड़ का था, अब प्रधानमंत्री ने 1 लाख 33 हजार करोड़ किया।
- खदानों के पैसे का बड़ा हिस्सा आदिवासी क्षेत्रों में खर्च करने की व्यवस्था किए हैं।
- नक्सलियों से अपील करता हूं, पीएम को समझिए, समर्पण करिए, हिंसा करेंगे तो हमारे जवान निपटेंगे।
- अमित शाह ने कहा कि अभी लोग कह रहे हैं कि बस्तर बदल रहा है, लेकिन 31 मार्च 2026 के बाद लोग कहेंगे बस्तर बदल गया है।
रायपुर में भी अमित शाह कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
जगदलपुर के अमर वाटिका में अमित शाह ने शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि दी।
रायपुर में ली LWE की बैठक
इसके बाद 16 दिसंबर की शाम शाह बस्तर से रायपुर लौट गए। उन्होंने रायपुर में LWE (वामपंथी उग्रवाद) की बैठक ली। जिसके बाद वे दिल्ली लौट गए।
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खूंखार नक्सली हिड़मा के गढ़ गुंडम गांव के दौरे के दौरान शाह स्कूली बच्चों से भी मिले।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर रहे। सोमवार को वे बस्तर के गुंडम गांव पहुंचे। इस इलाके को सबसे खूंखार नक्सली हिड़मा का गढ़ माना जाता है। यहां वे गुंडम आधे घंटे तक ग्रामीणों के बीच रहे। इसके अलावा एक स्कूल पहुंचकर बच्चों से भी मिले। इस दौरान ग्रामीणों ने शाह को गिफ्ट में कोचई-कांदा से भरी टोकरी गिफ्ट की। पढ़ें पूरी खबर