America sought help from India in the Adani case | अडाणी मामले में अमेरिका ने भारत से मदद मांगी: गौतम और सागर अडाणी को नोटिस देने की कोशिश; कानून मंत्रालय से संपर्क किया


वॉशिंगटन/नई दिल्ली12 मिनट पहले

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उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप था कि इन्होंने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की योजना बना रहे थे। - Dainik Bhaskar

उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप था कि इन्होंने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की योजना बना रहे थे।

अडाणी के खिलाफ धोखाधड़ी और रिश्वत से जुड़े मामले में अमेरिका ने भारत सरकार से मदद मांगी है। अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में बताया कि रिश्वतखोरी मामले में गौतम अडाणी और सागर अडाणी को नोटिस देने के लिए कोशिश की जा रही है।

SEC ने मंगलवार को कोर्ट में बताया कि उद्योगपति गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी भारत में मौजूद हैं। उन्हें नोटिस देने के लिए भारतीय अधिकारियों से मदद मांगी है। इसके लिए भारत के कानून मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है।

दरअसल, बिजनेसमैन गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर आरोप है कि उन्होंने भारत में रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को धोखाधड़ी से हासिल किया। ये प्रोजेक्ट पाने के लिए उन्होंने 2 हजार करोड़ रुपए रिश्वत में देने का प्लान बनाया था। इस मामले में 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में केस दर्ज हुआ था।

अमेरिकी इन्वेस्टर्स से झूठ बोलकर पैसा जुटाने का आरोप

धोखाधड़ी का यह मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। आरोप था कि अडाणी और बाकी लोगों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया। फिर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई।

कहीं भी रिश्वत देने की बात नहीं कही गई

चार्जशीट के मुताबिक यह अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) का उल्लंघन है। खास बात ये है कि अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के डॉक्यूमेंट में रिश्वत ऑफर करने और प्लानिंग की बात कही गई। रिश्वत दी गई, ऐसा नहीं कहा गया है।

20 नवंबर 2024 को कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और ये मामला सबसे सामने आया।

अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था

अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। 21 नवंबर को जारी बयान में ग्रुप ने कहा था- ‘अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।’

अडाणी की नेटवर्थ में 1 लाख करोड़ की गिरावट आई थी

इस खबर के आने के बाद अडाणी की नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपए की कमी आई थी। वहीं केन्या ने अडाणी ग्रुप के साथ बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द कर दी। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं।

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पिछले महीने गौतम अडाणी ने डोनाल्ड ट्रम्प को जीत की बधाई देते हुए एक ट्वीट किया। इसमें लिखा- भारत और अमेरिका के बीच जैसे-जैसे साझेदारी गहरी होती जा रही है, अडाणी ग्रुप अपनी ग्लोबल एक्सपर्टीज और 10 बिलियन डॉलर का इस्तेमाल अमेरिका की एनर्जी सिक्योरिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर में करेगा। इससे अमेरिका में 15 हजार नौकरियां पैदा होंगी। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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