वॉशिंगटन/ इस्लामाबाद13 मिनट पहले
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अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी NSA) जॉन फाइनर ने गुरुवार को कहा है कि पाकिस्तान के एडवांस मिसाइल प्रोग्राम यानी लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रोग्राम से अमेरिका को भी खतरा है। फाइनर ने बताया कि पाकिस्तान ने इससे जुड़ी तकनीक हासिल कर ली है।
इस तकनीक से बनी मिसाइलें एशिया के अलावा अमेरिका तक हमला कर सकती हैं। फाइनर ने कहा, इससे पाकिस्तान के इरादों पर सवाल खड़ा होता है। हालांकि पाकिस्तान ने ऐसी मिसाइलें बना ली हैं या नहीं, अभी ये साफ नहीं है।
फाइनर ने कहा, अगर पाकिस्तान का ये रवैया जारी रहता है तो उसके अमेरिका तक हमला करने की क्षमता होगी। जॉन फाइनर वाशिंगटन स्थित एक थिंक टैंक कार्नेगी एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में भाषण देने पहुंचे थे।
इस कार्यक्रम वे परमाणु खतरों को कम करने के मुद्दे पर बात कर रहे थे।
पाकिस्तान अमेरिका के लिए नई चुनौती
फाइनर ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बनता दिखाई दे रहा है। फाइनर के मुताबिक ऐसे सिर्फ तीन ही देश हैं जिनके पास परमाणु हथियार और अमेरिका तक मिसाइल हमला करने की क्षमता है। इनमें रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया शामिल हैं। ये तीनों ही देश अमेरिका के विरोधी हैं। ऐसे में पाकिस्तान के ये कदम अमेरिका के लिए एक नई चुनौती की तरफ उभर रहा है।
फाइनर ने कहा,
पाकिस्तान का ये कदम चौकाने वाला है क्योंकि वह अमेरिका का सहयोगी देश रहा है। हमने पाकिस्तान के सामने कई बार अपनी चिंता जाहिर की है। हमने उसे मुश्किल समय में समर्थन दिया है और आगे भी सहयोगी संबंध बनाए रखने की इच्छा रखते हैं। ऐसे में पाकिस्तान का ये कदम हमें ये सवाल करने पर मजबूर करता है कि वह ऐसी क्षमता हासिल क्यों करना चाहता है, जिसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया जा सकता है।
पाकिस्तान की 4 डिफेंस कंपनियों पर बैन लगाया
अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान पर लंबी दूरी की मिसाइल बनाने के आरोप में उसकी 4 डिफेंस कंपनियों पर बैन लगाया था। इनमें पाकिस्तान की सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस एजेंसी, नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (NDC) भी शामिल है। इसके अलावा एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड, रॉकसाइड एंटरप्राइज पर भी बैन लगाया गया है।
न्यूज एजेंसी ANI ने अमेरिका के हवाले से बताया कि बैन की गई चारों कंपनियां पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए जरूरी टूल मुहैया करा रही थीं। अमेरिका आगे भी इस तरह की एक्टिविटी के खिलाफ एक्शन लेता रहेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पाकिस्तानी कंपनियों पर बैन की जानकारी दी।
NDC की मदद से बनाई शाहीन सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइलें
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान की शाहीन-सीरीज बैलिस्टिक मिसाइलें NDC की मदद से ही तैयार की गई हैं। इसके अलावा कराची की अख्तर एंड संस प्राइवेट कंपनी पर आरोप है कि उसने मिसाइल से जुड़ी मशीनों को खरीदने में NDC की मदद की है।
इससे पहले इसी साल अप्रैल में अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए तकनीक सप्लाई करने पर चीन की 3 कंपनियों पर बैन लगा दिया था। इस लिस्ट में बेलारूस की भी एक कंपनी शामिल थी।
नवबंर 2019 में पाकिस्तान ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम शाहीन-1 मिसाइल का परीक्षण किया था। इसकी रेंज 650 किमी तक है। ये सभी तरह के हथियार ले जा सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान शाहीन-2 और शाहीन-3 मिसाइल का परीक्षण भी कर चुका है।
पाकिस्तान ने 1986-87 में अपने मिसाइल प्रोग्राम हत्फ की शुरुआत की थी। (फाइल)
80 के दशक में शुरू हुआ पाकिस्तान का मिसाइल प्रोग्राम
पाकिस्तान ने 1986-87 में अपने मिसाइल प्रोग्राम हत्फ की शुरुआत की थी। भारत के मिसाइल प्रोग्राम का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में इसकी शुरुआत हुई थी।
हत्म प्रोग्राम में पाक रक्षा मंत्रालय को फौज से सीधा समर्थन हासिल था। इसके तहत पाकिस्तान ने सबसे पहले हत्फ-1 और फिर हत्फ-2 मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, हत्फ-1 80 किमी और वहीं हत्फ-2 300 किमी तक मार करने में सक्षम थी।
यह दोनों मिसाइलें 90 के दशक में सेना का हिस्सा बनी थी। इसके बाद हत्फ-1 को विकसित कर उसकी मारक क्षमता को 100 किलोमीटर बढ़ाया गया। 1996 में पाकिस्तान ने चीन की मदद से बैलिस्टिक मिसाइल की तकनीक हासिल की।
फिर 1997 में हत्फ-3 का सफल परीक्षण हुआ, जिसकी मार 800 किलोमीटर तक थी। साल 2002 से 2006 तक भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा मिसाइलों की टेस्टिंग की थी।
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