इंडियन आइडल के ऑडिशन में गाते अंबाला के अभिजीत। जज विशाल ददलानी, बादशाह और श्रेया घोषाल ने उनकी तारीफ की।
हरियाणा में अंबाला के 17 वर्षीय अभिजीत शर्मा ने इंडियन आइडल के 16वें सीजन का गोल्ड टिकट हासिल मेन राउंड में जगह बना ली है। ऑडिशन राउंड में अभिजीत ने वो जब याद आए, बहुत याद आए…गाया तो उनकी सुरीली आवाज पर शो की जज सिंगर श्रेया घोषाल मोहित दिखीं।
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उन्होंने कई बार वाह-वाह कहा। शो को विशाल ददलानी और रैपर बादशाह भी जज कर रहे हैं। अभिजीत अभी तक इंडियन आइडल के सभी सीजन में शामिल हुए सबसे कम उम्र के हरियाणवीं हैं। इससे पहले 10वां सीजन नूंह के सलमान अली ने जीता था।

अंबाला के अभिजीत को इंडियन आइडल के 16वें सीजन में आने का न्योता दिया गया।
सिलसिलेवार जानिए अभिजीत के संगीत का सफर…
- अभिजीत का संगीत सफर फिल्मी कहानी जैसा: अभिजीत का संगीत सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। जब वह महज साढ़े तीन साल के थे, तभी उनके भीतर की संगीत की लय उभरने लगी थी। एक दिन वह क्लास में दोस्त को गाना सुना रहे थे, तभी टीचर वहां पहुंच गईं। टीचर ने जैसे ही उनकी आवाज सुनी, वह दंग रह गईं। उन्होंने तुरंत अभिजीत के पिता राजीव शर्मा को फोन किया और कहा- आपका बच्चा बहुत खूबसूरत गाता है, इसे रोकना नहीं, बल्कि आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
- पिता भई आवाज सुनकर हैरान हुए: शुरुआत में पिता राजीव ने अभिजीत को बच्चों की खेल-खेल में कही बात समझा, लेकिन जब उन्होंने खुद बेटे की आवाज सुनी, तो वह भी हैरान रह गए। पिता ने बताया- टीचर ने कहा था कि मैं समझाने नहीं, सिखाने के लिए फोन कर रही हूं। उसी दिन से अभिजीत के संगीत सफर की असली शुरुआत हुई।

अपने घर में गाने का रियाज करते अभिजीत शर्मा।
- चार साल की उम्र में शुरू हुई संगीत शिक्षा: अंबाला कैंट के आलू गोदाम क्षेत्र के निवासी राजीव शर्मा साइंस कारोबारी हैं। वह बताते हैं कि बेटे की औपचारिक संगीत शिक्षा 4 साल की उम्र में शुरू हुई। पहले उन्हें अंबाला के लाल कुर्ती निवासी राजकमल सर से संगीत की क्लास दिलाई गई।
- चंडीगढ़ में पकड़े सुर: राजीव बताते हैं- टाइट शेड्यूल के कारण यह क्लास ज्यादा दिन नहीं चल सकी। इसके बाद परिवार ने ठान लिया कि अगर बेटे को संगीत में करियर बनाना है, तो उसे बेहतर ट्रेनिंग मिलनी चाहिए। अभिजीत को चंडीगढ़ के संतोष कटारिया सर के पास भेजा गया। वहां उसने रियाज, सुर और ताल की गहराइयों को समझना शुरू किया। धीरे-धीरे उनकी आवाज में वह निखार आने लगा जिसने इंडियन आइडल तक का रास्ता खोल दिया।
- अभिजीत की मेहनत को मिला परिवार का साथ: सफलता के पीछे एक परिवार का मजबूत सहारा होता है, और अभिजीत की कहानी इसका सजीव उदाहरण है। राजीव बताते हैं- हमने कभी बेटे के सपनों पर रोक नहीं लगाई। अभिजीत बचपन से ही बहुत मेहनती रहा है। जब बाकी बच्चे खेलते थे, तब यह गाना गाता था। इसकी लगन देखकर हमें समझ आया कि इसे इसी दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए।
- मां और भाई का भी साथ मिला: अभिजीत की मां गीतांजलि शर्मा और बड़े भाई आकाश ने भी उसका पूरा साथ दिया। परिवार का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा इतनी कम उम्र में इंडियन आइडल जैसे मंच तक पहुंच जाएगा।

अपने पिता राजीव शर्मा के साथ गाड़ी में गाना गुनगुनाते अभिजीत शर्मा।
ऑडिशन राउंड में शो जज ने कहा- तुम्हारी आवाज में आत्मा बसती है अभिजीत का इंडियन आइडल तक का सफर आसान नहीं था। देशभर से हजारों प्रतिभागी इस मंच पर आने के लिए ऑडिशन देते हैं। अभिजीत ने पहले ऑनलाइन ऑडिशन में हिस्सा लिया और अपनी आवाज से जजों का दिल जीत लिया। फिर उन्हें मुंबई बुलाया गया, जहां उन्होंने अपनी प्रस्तुति से सबको चौंका दिया।
जजों का कहना था कि उनकी गायकी में एक ऐसी मिठास और गहराई है जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंच पर जजों ने कहा कि इतनी कम उम्र में ऐसी पक्की गायकी बहुत कम देखने को मिलती है। अभिजीत के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए एक जज ने कहा- तुम्हारी आवाज में आत्मा बसती है, तुममें आने वाले कल का बड़ा स्टार छिपा है।

इंडियन आइडल के ऑडिशन में अभिजीत ने जजों को प्रभावित किया।
पिता बोले- बेटे को टीवी पर देख आंसू आ गए राजीव ने कहा- जब मैंने पहली बार बेटे को टीवी पर देखा, तो आंखों में आंसू आ गए। उसने न केवल मेरा, बल्कि पूरे अंबाला और हरियाणा का नाम रोशन किया है। अभिजीत हमेशा विनम्र और अनुशासित रहा है। वह रोजाना घंटों रियाज करता है। टीवी शो की व्यस्तता के बावजूद वह अपनी पढ़ाई भी जारी रख रहा है।
प्रिंसिपल ने एग्जाम तक शिफ्ट कराए अभिजीत की सफलता की कहानी में उनके परिवार के साथ-साथ एसडी विद्या कॉलेज की प्रिंसिपल नीलइंद्रजीत कौर संधू का भी अहम योगदान रहा है। पिता बताते हैं कि जब अभिजीत इंडियन आइडल की तैयारी कर रहा था, तब प्रिंसिपल ने सहयोग किया। अभिजीत की सुविधा के अनुसार एग्जाम्स शिफ्ट करा दिए जाते थे, ताकि वह अपनी संगीत यात्रा को बिना रुकावट जारी रख सके।

हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले सलमान अली ने इंडियन आइडल का 10वां सीजन जीता था। – फाइल फोटो
10वां सीजन हरियाणा के सलमान अली ने जीता इंडियन आइडल का 10वां सीजन नूंह जिले के सलमान अली ने जीता था। सलमान बेहद गरीब परिवार से जुड़े थे। सलमान अली का परिवार कई पीढ़ियों से संगीत से जुड़ा हुआ है। उनके दादा और पिता दोनों ही कव्वाली और लोक संगीत गाते थे।
सलमान ने सिर्फ 7 साल की उम्र में मंच पर गाना शुरू किया। सबसे पहले “सारेगामापा लिटिल चैंप्स” (2008) में हिस्सा लिया और फर्स्ट रनर-अप रहे। इस शो से ही उन्हें पहचान मिलने लगी, लेकिन असली सफलता मिली साल 2018 में इंडियन आइडल सीजन 10 जीतकर।
