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- Amavasya Of Pitru Paksha And Solar Eclipse On 2nd October, Surya Grahan On 2nd October, Shraddha Ki Vidhi In Hindi
52 मिनट पहले
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बुधवार, 2 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अंतिम तिथि है, इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी होगा, लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए हमारे यहां इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा।
अमावस्या तिथि पर किए गए श्राद्ध कर्म से पितरों को तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने पितृ लोक लौट जाते हैं। जो लोग श्राद्ध कर्म नहीं करते हैं, उनके पितर दुखी होते हैं और अपने वंश के लोगों को शाप देते हैं। पितरों की प्रसन्नता के लिए सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध और दान-पुण्य जरूर करना चाहिए।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, पितृ पक्ष की अमावस्या का महत्व काफी अधिक है। इस तिथि पर गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। हालांकि अभी अत्यधिक बारिश की वजह से कई नदियों में उफान है, इसलिए नदी स्नान को लेकर सतर्क रहना चाहिए। अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं और सभी पवित्र नदियों के साथ तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें। ऐसा करने से भी घर पर नदी स्नान के समान पुण्य मिल जाता है।
स्नान के बाद नदी किनारे या अपने घर के आसपास ही धन, अनाज, जूते-चप्पल, कपड़े, भोजन का दान करें। किसी गौशाला में गायों के लिए घास और धन का दान करें। इस दिन पितरों के निमित्त चारपाई यानी पलंग, छाता, घी, दूध, काले तिल, चावल, गेहूं आदि चीजों का भी दान करना चाहिए।
2 अक्टूबर के सूर्य ग्रहण का नहीं रहेगा सूतक
पितृ पक्ष की अमावस्या की रात 9.13 बजे सूर्य ग्रहण शुरू होगा और रात 3.17 बजे खत्म होगा। ग्रहण, अर्जेंटिना, अमेरिका, ब्राजिल, मेक्सिको, न्यूजीलेंड, पेरू, सहित कई देशों में दिखाई देगा। भारत में ग्रहण के समय रात रहेगी, यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस वजह से देश में ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। पूरे दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य आदि शुभ काम किए जा सकेंगे। पितरों के धूप-ध्यान दोपहर में करीब 12 बजे करें।
अब जानिए श्राद्ध करने के लिए जरूरी चीजें और श्राद्ध करने की विधि…