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जिला स्तर और चैलेंजर ट्रॉफी टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी एक खिलाड़ी का अंडर-16 क्रिकेट कैंप के लिए चयन नहीं किया गया। खिलाड़ी ने चयन में धांधली का आरोप लगाया है, जिसका कहना है कि उसका लीडर बोर्ड में 20वां नंबर था। इसके बावजूद उससे नीचे के नंबर वाले खिलाड़ियों का कैंप के लिए चयन कर लिया गया।
चयनकर्ताओं पर भाई-भतीजा वादा करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है। साथ ही लीडर बोर्ड के नंबर के आधार पर टॉप खिलाड़ियों का चयन करने की मांग की है। मोहित कुमार बैरवा निवासी बासणा पापड़दा ने जिला स्तर पर अंडर-16 क्रिकेट में 4 मैच में 8 विकेट लिए और 31 रन बनाए।
ऑल राउंडर प्रदर्शन के आधार पर मोहित बैरवा का राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की ओर से आयोजित चैलेंजर ट्रॉफी में चयन किया गया, जिसमें 5 मैच खेले और 6 विकेट लिए। इसके आधार पर आरसीए के लीडर बोर्ड में मोहित बैरवा 20वें नंबर पर रहा। इसके बावजूद मोहित बैरवा का राजस्थान टीम चयन के लिए संभावित खिलाड़ियों के कैंप के लिए चयन नहीं किया गया। साथ ही आरोप है कि मोहित बैरवा से नीचे की रैंक वाले खिलाड़ियों का चयन कर लिया गया, जिसमें विराट चौधरी नागौर लीडर बोर्ड में 31वां, पवन कुमावत बीकानेर लीडर बोर्ड में 73, अंश कुमार झुंझुनूं लीडर बोर्ड में 43वां, गुरमान सिंह बीकानेर लीडर बोर्ड में 26वां, अयान नागौर लीडर बोर्ड में 35वां, ध्रुव नाथा भीलवाड़ा लीडर बोर्ड में 30वां और अनुराग धौलपुर लीडर बोर्ड में 79वां स्थान था।
मोहित बैरवा के पिता मनोहर लाल बैरवा का कहना है कि छोटे स्तर पर ही खिलाड़ियों के साथ इस तरह पक्षपात किया जाएगा तो फिर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे खिलाड़ी आगे कैसे आएंगे। लीडर बोर्ड में ज्यादा रैंक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी मोहित बैरवा का कहना है कि इस मामले की जांच हो और नीचे की रैंक वाले खिलाड़ियों का कैंप में चयन करने वाले चययकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इससे भविष्य में दावेदार खिलाड़ी नहीं, बल्कि वास्तव में हकदार खिलाड़ियों का ही टीम और कैंप में चयन किया जा सके।