मानसून की एंट्री हो गई है। जैसे ही मूसलाधार होगी, शहर के दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर एक से दो फुट तक पानी भर जाएगा। भाठागांव में पिछले वर्षों की तरह बच्चे घुटनों घुटनों पानी से गुजरकर स्कूल जाएंगे। पुरानी बस्ती, प्रोफेसर कालोनी के कई इलाकों में एक-एक
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हालांकि 5 साल में जलभराव रोकने 75 करोड़ खर्च किए गए, लेकिन सुधार नहीं हुआ। एक्सपर्ट की राय है कि सही प्लानिंग बनाकर खर्च नहीं करने से शहर के अर्बन फ्लड का नैचुरल फ्लो ब्लॉक हो गया है। नालों पर कब्जा हो गया। दैनिक भास्कर ने शहर के सेंटर जय स्तंभ चौक से चारों दिशाओं में अलग-अलग इसकी पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई –
फैक्ट फाइल
- 1043 मिमी वर्षा 2023 में
- 210 छोटे व बड़े नाले हैं
- 3 से 25 फीट चौड़े हैं नाले
- 1092 किमी कुल लंबाई
- 8 सौ कालोनी 20वर्ष में बनीं
- 200 करोड़ का बना प्लान
जयस्तंभ चौक से दक्षिण
प्रोफेसर कालोनी, कुशालपुर, राधास्वामी नगर, भाठागांव से रायपुरा रोड, टिकरापारा, धरम नगर में हर साल बारिश के दौरान सड़कों पर पानी भरता है। पार्षद मन्नू विजेता यादव ने बताया कि मोतीबाग, महिला थाना, कोतवाली, कालीबाड़ी, बूढ़पारा, टिकरापारा का पानी इसी ओर आता है। इस पानी को डायवर्ट करने की जरूरत है। दो साल पहले रिंग रोड में 6 करोड़ में नाला बनाया गया, पर फायदा नहीं हुआ।
जयस्तंभ से उत्तर
भनपुरी पुरानी बस्ती पार्षद कार्यालय के सामने, गंगा नगर, सेंधंवार बस्ती जूट मिल के पास भनपुरी में जलभराव की समस्या है। सड़क पर 1 फीट तक पानी भर जाता है। पानी उतरने में कई घंटे लगते हैं। इस वजह से पानी बहकर बाहर नहीं निकल पाता। बंजारी माता वार्ड के पार्षद और एमआईसी सदस्य नागभूषण राव यादव ने बताया कि निगम ने पिछले साल अभियान चलाया था। अब फिर कब्जे हो गए हैं।
जयस्तंभ से उत्तर
भनपुरी पुरानी बस्ती पार्षद कार्यालय के सामने, गंगा नगर, सेंधंवार बस्ती जूट मिल के पास भनपुरी में जलभराव की समस्या है। सड़क पर 1 फीट तक पानी भर जाता है। पानी उतरने में कई घंटे लगते हैं। इस वजह से पानी बहकर बाहर नहीं निकल पाता। बंजारी माता वार्ड के पार्षद और एमआईसी सदस्य नागभूषण राव यादव ने बताया कि निगम ने पिछले साल अभियान चलाया था। अब फिर कब्जे हो गए हैं।
जयस्तंभ से पश्चिम
समता कालोनी, चौबे कालोनी, गीता नगर में सड़कों पर पानी भर जाता है। राजधानी पिछले हफ्ते एक घंटे की तेज बारिश के दौरान ही सड़क पर जलभराव हो गया था। कई घंटे निकासी नहीं होने के कारण वार्ड के पार्षद अमर बंसल ने ने बताया पिछले साल नाला बनाने के लिए 1.49 करोड़ मिले थे, अब तक नहीं बना। पैसा कहां गया, अफसर मौन हैं।
एक्सपर्ट – मनीष पिल्लीवार, टाउन प्लानर
नोड टू नोड कनेक्टिविटी जरूरी
रायपुर में अर्बन फ्लड रोकने के लिए ड्रेन की नोड टू नोड कनेक्टिविटी जरूरी है। एक वार्ड या क्षेत्र में जलभराव खत्म करने के लिए नाले बनाकर छोड़ देने से दूसरे वार्ड में समस्या बढ़ जाती है। इसलिए नाले-नालियों की कनेक्टिविटी आखिरी छोर तक करनी चाहिए। नालों को कब्जा मुक्त तथा कवर्ड करने की जरूरत है। बारिश के ट्रेंड में बदलाव आया है। पहले कई दिनों तक धीरे-धीरे बारिश होती थी। अब कम समय में ज्यादा बारिश होती है।
शहर में जलभराव को लेकर प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर रायपुर निगम को 200 करोड़ मिलेंगे। विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी।
अबिनाश मिश्रा, आयुक्त ननि