All About Indian-Origin Princeton Student Arrested For Pro-Palestine Protests | Indian-origin student protesting against Israel | अमेरिकी पुलिस ने महिला प्रोफेसर को जमीन पर पटका: इजराइल विरोधी प्रदर्शन में शामिल थीं; भारतीय मूल की छात्रा गिरफ्तार, कश्मीर के पोस्टर भी दिखे


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1 घंटे पहले

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अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर को गिरफ्तार करते हुए पुलिस वाले। - Dainik Bhaskar

अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर को गिरफ्तार करते हुए पुलिस वाले।

अमेरिका के विश्वविद्यालयों में इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार इन्हें दबाने के लिए लगातार छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अब तक 150 से ज्यादा छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी में एक पुलिसकर्मी ने प्रदर्शन कर रही एक प्रोफेसर को जमीन पर पटक कर गिरफ्तार किया।

अमेरिकी मीडिया हाउस CNN ने इसका वीडिया जारी किया है। प्रोफेसर की पहचान कैरोलिन फोहलिन के तौर पर हुई है। वीडियो में कुछ पुलिस वाले एक प्रदर्शनकारी को जमीन पर गिराकर गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे। तभी प्रोफेसर कैरोलिन वहां आती हैं।वो पुलिस वालों को उसे छोड़ने के लिए कहती हैं। उसी वक्त एक पुलिसवाला उन्हें अप्रोच करता है। कैरोलिन को जमीन पर पटक कर उन्हें हथकड़ियां बांध देता है।

फुटेज में उस पल को देखा जा सकता है जब कैरोलिन (सफेद कपड़ों में) को पुलिसकर्मी पकड़ता है।

फुटेज में उस पल को देखा जा सकता है जब कैरोलिन (सफेद कपड़ों में) को पुलिसकर्मी पकड़ता है।

इस बीच गुरुवार को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक भारतीय मूल की छात्रा अचिंत्या सिवालिंगम की भी गिरफ्तारी हुई है। सिवालिंगम को यूनिवर्सिटी से बैन कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूनिवर्सिटी की चेतावनी के बावजूद सिवालिंगम और उसके दोस्त विश्वविद्यालय के मैक्कोश कोर्टयार्ड में प्रदर्शन के लिए टेंट लगा रहे थे।

साथ ही एक तस्वीर में कुछ छात्र कश्मीर के पोस्टर के साथ दिखाई दे रहे हैं। पोस्टर में लिखा है, आस्क मी अबाउट कश्मीर’ यानी मुझसे कश्मीर के बारे में पूछो।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कश्मीर के पोस्टर के साथ बैठे छात्र

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कश्मीर के पोस्टर के साथ बैठे छात्र

कौन है अचिंत्या सिवालिंगम ?
अचिंत्या सिवालिंगम का जन्म तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुआ था। बाद वो अमेरिका के कोलंबस शहर चली गई थीं। सिवालिंगम अभी प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल डेवलपमेंट में मास्टर ऑफ पब्लिक अफेयर्स (एमपीए) की पढ़ाई कर रही हैं। इससे पहले उन्होंने ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से विश्व राजनीति और अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की। इसके अलावा वो हार्वर्ड लॉ स्कूल में इंटर्न भी थीं।

इतना ही नहीं सिवालिंगम ने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में भारत में भूमि अधिकारों और नीतियों पर भी काम किया है।

प्रिंसटन में अब उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो रही है। इस पूरी घटना पर भारत में मौजूद अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि हर किसी को अपने विचार रखने का पूरा हक है। बस इससे किसी को भी खतरा नहीं होना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि इस समय दुनियाभर में बहुत सारी परेशानियां है। अमेरिका का मानना है कि राय व्यक्त की जानी चाहिए, पर बिना किसी को कोई नुकसान पहुंचाए। अगर कोई भी अपनी सीमा से बढ़ता है, तो ये अस्वीकार्य है और इसके लिए परिणाम भुगतने होंगे।

तस्वीर भारतीय मूल की छात्रा अचिंत्या सिवालिंगम की है।

तस्वीर भारतीय मूल की छात्रा अचिंत्या सिवालिंगम की है।

प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी में फ्री फिलस्तीन के पोस्टर लगाकर टेंट लगा रहे हैं।

प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी में फ्री फिलस्तीन के पोस्टर लगाकर टेंट लगा रहे हैं।

अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में प्रदर्शन, भारत की नजर
अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे प्रदर्शन पर भारत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार (25 अप्रैल) को वीकली ब्रीफिंग में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि हर लोकतंत्र में “अभिव्यक्ति की आजादी, जिम्मेदारी की भावना , सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के बीच सही संतुलन” होना चाहिए।

जायसवाल ने कहा था “हम सभी को इसी बात पर आंका जाता है कि हम घर पर क्या करते हैं, न कि इस आधार पर कि हम विदेश में क्या कहते हैं।” भारत अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में हो रहे प्रदर्शनों पर अपनी नजर बनाए हुए है। इंडियन एम्बेसी भारत के छात्रों के साथ संपर्क में हैं। जब भी किसी मुद्दे को हल करने की आवश्यकता होगी, तो भारत उस पर विचार करेगा।

प्रदर्शन की तस्वीरें…

सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने अपनी ग्रेजुएशन सेरेमनी रद्द की

अमेरिका की सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए अपनी ग्रेजुएशन सेरेमनी को रद्द कर दिया है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक, उन्होंने ये फैसला छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है। लॉस एंजिल्स पुलिस के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान अतिक्रमण करने के आरोप में बुधवार (24 अप्रैल) रात 90 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

तस्वीर सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की है, जहां ग्रेजुएशन सेरेमनी के बिना डिग्री दी गई।

तस्वीर सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की है, जहां ग्रेजुएशन सेरेमनी के बिना डिग्री दी गई।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रदर्शनों पर बैन लगाया
अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने सोमवार (22 अप्रैल) को प्रदर्शनों पर बैन लगा दिया है। यूनिवर्सिटी ने उन छात्रों के प्रवेश पर भी बैन लगा दिया है, जो प्रदर्शन में शामिल थे। यूनिवर्सिटी ने इसके लिए जगह-जगह बैनर भी लगाए हैं, जिसमें छात्रों से कहा गया है कि वे बिना अनुमति के परिसर में तंबू या टेबल न लगाएं।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बाहर के लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कैंपस के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बाहर के लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कैंपस के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं।

एमर्सन कॉलेज में 108, एनवाईयू में 133 को गिरफ्तार किया गया
बोस्टन पुलिस के मुताबिक एमर्सन कॉलेज के कैंप से 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा बुधवार को पुलिस ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से 133 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। सभी को अव्यवस्थित व्यवहार के आरोप में अदालत में पेश होने के लिए समन देकर छोड़ दिया गया है।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से 133 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से 133 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।

छात्रों की मांग

  • कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लेकर न्यूयॉर्क युनिवर्सिटी तक ​फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले संगठनों की मांग है कि यूनिवर्सिटीज उन कंपनियों से अलग हो जाएं, जो इजराइल से लाभ कमाती हैं।
  • न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनों का नेतृत्व NYU फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी कोइलिशन कर रहा है। ये छात्र चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी का तेल अवीव कैंपस बंद किया जाए, क्योंकि यहां फिलिस्तीनी छात्रों को एडमिशन नहीं दिया जाता है।
  • येल में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी इजराइल के लिए सैन्य हथियारों का निर्माण करने वाली कंपनीज से अलग हो जाए।

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