Agra’s AIG and sub-inspector trapped in fake deeds | फर्जी बैनामाें में फंसे आगरा के एआईजी और उपनिंबधक: फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद 11 पर मुकदमा दर्ज, DM ने शासन को भेजी रिपोर्ट – Agra News

आगरा के निबंधन विभाग में फर्जी बैनामा मामले में एआईजी स्टांप एसके सिंह और उपनिबंधक नीतू गोला भी दोषी हैं। इनके खिलाफ DM अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। इसके साथ ही 11 लोगों के खिलाफ थाना शाहगंज में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।

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निंबधन कार्यालय आगरा।

निंबधन कार्यालय आगरा।

फर्जी कागज लगाए निबंधन विभाग के रिकाॅर्ड रूम से असली बैनामों के पन्ने गायब कर दिए गए। उनकी जगह फर्जी बैनामों के कागज लगा दिए गए। भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से ये सब हुआ।

9 घंटे चली जांच मामला उजागर होने पर जांच के लिए मंगलवार को दो ADM निबंधन विभाग पहुंचकर लगभग 9 घंटे तक जांच की। इन्होंने देर रात DM को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद DM ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में निबंधन विभाग के एआईजी और उपनिबंधक को भी दोषी माना है। इन्होंने मामला संज्ञान में आने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया।

एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह भी जांच को पहुंचे थे।

एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह भी जांच को पहुंचे थे।

ये था मामला निबंधन विभाग में लंबे समय से फर्जीवाड़ा चल रहा है। रिकॉर्ड रूम से जिल्द बही से पन्ने फाड़े गए हैं। इससे निबंधन विभाग में खलबली मची हुई है। सदर तहसील स्थित निबंधन विभाग में 5 सब रजिस्ट्रार हैं। जिनके यहां जमीनों के बैनामे होते हैं। इसके बाद इन बैनामों को रिकॉर्ड रूम में रखा जाता है। बताया जा रहा है कि रिकॉर्ड से पन्ने फाड़ने, मूल बैनामा गायब कर उनकी जगह फर्जी एग्रीमेंट व अन्य दस्तावेज लगा दिए गए हैं।

एडीएम वित्त एवं राजस्व शुक्ला भी जांच को निबंधन विभाग पहुंची थीं।

एडीएम वित्त एवं राजस्व शुक्ला भी जांच को निबंधन विभाग पहुंची थीं।

सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बाद भी अधिकारियों ने दोषी पर कोई भी कार्रवाई नहीं की है। जिस पर डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला और एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह को जांच के लिए निबंधन विभाग भेजा। ऐसे किया खेल असली बैनामों के बदले फर्जी बैनामा या एग्रीमेंट लगा दिए गए हैं। फर्जी बैनामा तैयार किया गया। उसे जिल्द बही में लगा दिया गया। गिरोह के सदस्यों ने नकल के लिए आवेदन किया। जिल्द बही में फर्जी बैनामा की सत्यापित प्रति जारी कर दी गई। सत्यापित प्रति जारी होने से पहले एक बार भी रजिस्टर की सही तरीके से जांच नहीं की गई। जांच में ये मिला टीम ने रिकॉर्ड रूम में एक घंटे तक जिल्द बही की जांच की। जांच में असली बैनामों के पन्ने पूरी तरह से गायब मिले। कई फर्जी बैनामे भी मिले। कई बैनामों पर पानी की बूंदों को गिरा गया था। ऐसे में रजिस्टर और पन्नों को लेकर टीम एआईजी के चैंबर में पहुंची। फर्जी भूमि की बिक्री करने वालों के नाम का मिलान खसरा नंबर के आधार पर किया गया। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज रिकार्ड गायब करने के मामले में थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज कराया गया है। रिकार्ड प्रभारी प्रताप नारायण की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें रिकार्ड कीपर देवदत्त शर्मा, राजकुमार, श्याम लाल शर्मा, सत्य प्रकाश शर्मा, भानू रावत, प्रशांत शर्मा, ब्रजेश दुबे, शिवचरण, सुमित अग्रवाल, प्रशांत शर्मा और प्रबल प्रताप सिंह चौहान हैं। इनके खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित प्रपत्र तैयार करने, अापराधिक षड्यंत्र की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम

अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम

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फर्जी बैनामा और रिकार्ड रूम से दस्तावेज गायब करने के संबंध में शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। इसमें एएआईजी और उपनिबंधक की भी कमी उजागर हुई है। इसके साथ ही 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम

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