Agahan month significance, lord krishna lesson, krishna arjung story, motivational tips about success | अगहन मास में जीवन में उतारें श्रीकृष्ण की सीख: महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन हो गए थे भ्रमित; श्रीकृष्ण ने समझाया भ्रम होगा तो सफलता नहीं मिलेगी

8 मिनट पहले

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अगहन (मार्गशीर्ष) मास को श्रीकृष्ण को स्वरूप माना जाता है। इसलिए इस मास में श्रीकृष्ण की पूजा के साथ ही इनकी कथाएं पढ़ने-सुनने की भी परंपरा है। श्रीकृष्ण की सीख जीवन में उतार लेने से हमारी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन का भ्रम दूर करने के लिए गीता उपदेश दिया था। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया था कि सफलता होना चाहते हैं तो किसी भी काम की शुरुआत में भ्रम नहीं होना चाहिए। पढ़िए पूरा प्रसंग…

महाभारत में कौरव और पांडवों की सेनाएं युद्ध के लिए आमने-सामने खड़ी थीं। श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे। युद्ध शुरू होने से ठीक पहले अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा कि मेरे रथ को कौरवों की सेना की ओर ले चलो। मैं पितामह भीष्म, द्रोणाचार्य, दुर्योधन, अश्वत्थामा और कर्ण को देखना चाहता हूं।

श्रीकृष्ण ने रथ आगे बढ़ा दिया। दोनों सेनाओं के बीच में पहुंचकर श्रीकृष्ण ने रथ रोक दिया। अर्जुन ने कौरव पक्ष को देखा और कुछ देर सोच-विचार करने के बाद श्रीकृष्ण से कहा कि माधव मैं युद्ध नहीं करना चाहता।

श्रीकृष्ण ने अर्जुन की ओर देखा तो वे समझ गए कि अर्जुन भ्रमित हो गया है। अर्जुन ने आगे कहा कि मैं ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा हूं, मेरा मुंह सूख रहा है, मेरा शरीर कांप रहा है, मैं धनुष नहीं उठा पा रहा हूं। मेरा मन भ्रमित है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं युद्ध करूं या न करूं।

श्रीकृष्ण ने कहा कि हमारी सारी कमजोरियां चल सकती हैं, लेकिन भ्रम नहीं चल सकता है। तुम युद्ध इसलिए नहीं करना चाहते हो, क्योंकि तुम्हारे सामने कुटुंब के लोग हैं। जबकि तुम धर्म की रक्षा के लिए युद्ध कर रहे हो, इसलिए मन में कोई भ्रम मत रखो। धर्म को बचाना है।

इसके बाद श्रीकृष्ण ने अर्जुन का भ्रम दूर करने के लिए 700 श्लोकों में गीता का उपदेश दिया। गीता सुनने के बाद अर्जुन ने कहा कि अब मेरा भ्रम दूर हो गया अब मैं तैयार हूं।

श्रीकृष्ण की सीख

हम जब भी कोई काम शुरू कर रहे होते हैं, तब हमारे मन में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए, अगर मन में कोई भ्रम होगा तो काम करना बहुत मुश्किल हो जाएगा और सफलता मिलने की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी। इसलिए भ्रम से बचें और पूरी ईमानदारी के साथ फल की चिंता किए बिना अपने कर्म करते रहें।

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