माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम देखी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों हुए आतंकी हमलों के बाद माहौल बेशक अब शांतिपूर्ण है, लेकिन माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई है।
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श्राइन बोर्ड के अनुसार, पहले माता के दरबार में रोजाना करीब 50 से 55 हजार श्रद्धालु आते थे। अब कुछ दिनों से श्रद्धालुओं की संख्या घटकर 25 से 30 हजार रह गई है। रोजाना करीब 25 हजार श्रद्धालु ही माता के दरबार में पहुंच रहे हैं।
अब 29 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था आज कश्मीर पहुंचेगा। ऐसे में यात्रा को लेकर सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पठानकोट में जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात हैं। पूरे मार्ग पर इस बार सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा सके।
![वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचे श्रद्धालु।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/27/whatsapp-image-2024-06-27-at-193831-2_1719497583.jpeg)
वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचे श्रद्धालु।
वैष्णो देवी जाने वाले मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाई
आतंकी हमलों के बाद सरकार ने माता वैष्णो देवी जाने वाले मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। बावजूद इसके लोगों में अभी भी डर है। हालांकि सरकार और श्राइन बोर्ड बार-बार अपील कर रहा है कि माता के दरबार में आने वाले श्रद्धालु बिना किसी डर के आएं।
![वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए लाइन में लगे श्रद्धालु।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/27/whatsapp-image-2024-06-27-at-193831-3_1719498422.jpeg)
वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए लाइन में लगे श्रद्धालु।
कटरा में श्रद्धालुओं की संख्या आधी हुई
श्रद्धालु वैष्णो देवी जाने से पहले कटरा पहुंचते हैं, जहां से माता के दरबार तक की 14 किलोमीटर लंबी चढ़ाई शुरू होती है। जून के पहले सप्ताह तक कटरा और दरबार में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि 2 दिन के लिए श्राइन बोर्ड को यात्रा पर्ची काउंटर बंद करने पड़े। अब स्थिति यह है कि माता के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटकर बिल्कुल आधी रह गई है।
मेन बाजार की रौनक भी कम, दुकानदार मायूस
कटरा मेन बाजार की बात करें तो श्रद्धालुओं की संख्या में कमी के साथ ही दुकानदारों के चेहरे भी मायूस हैं। दुकानदार विजय कुमार और मनोज ने बताया कि आतंकी हमलों के बाद दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई है। खरीदारी के लिए आने वाले लोग भी नहीं आ रहे हैं। जून माह में छुट्टियां होने के कारण हर साल लाखों श्रद्धालु आते थे, लेकिन इस बार जून की शुरुआत में आतंकी हमले होने से लोग डरे हुए हैं।
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अमरनाथ यात्रा के लिए कई राज्यों से आते हैं श्रद्धालु
अमरनाथ यात्रा के लिए हर साल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ आते हैं। सरकार भी अमरनाथ यात्रा और माता वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील कर रही है कि घाटी में आपकी सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को भी सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
9 जून को हुआ था पहला आतंकी हमला
- 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दिन जम्मू के रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और करीब 50 श्रद्धालु घायल हो गए थे। सभी श्रद्धालु बस से माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जा रहे थे।
- 11 जून को लगातार दो आतंकी हमले हुए। पहला हमला हीरानगर गांव में हुआ, जबकि दूसरा हमला रात 2 बजे पठानकोट-भद्रवाह रोड पर हुआ। हमले में 5 जवान घायल हो गए।
- तीसरा हमला 12 जून को हुआ। जम्मू-कश्मीर रोड पर जवानों ने मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया।
- चौथा आतंकी हमला जम्मू के डोडा में हुआ, जिसमें 2 जवान घायल हो गए।