.
सिलसिलेवार हो रही बरसात के बाद शहर व गांवों में जलभराव ने चिंता बढ़ा दी है। डेंगू के अभी तक 8 ही केस मिले थे। लेकिन अब जगह-जगह हुए जलभराव के कारण डेंगू के केस फैलने का खतरा सता रहा है। क्योंकि पिछले वर्ष 2023 में भी सितंबर महीने में ही डेंगू के सर्वाधिक 184 मामले मिले थे। ऐसे में इस बार भी इसी महीने में केस बढ़ने का डर बन रहा है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है।
हांलाकि सिविल अस्पताल व ट्रॉमा सेंटर में कई जगह कबाड़ पड़ा हुआ होने से उनमें मच्छर भी पनप रहे हैं। इस तरफ अस्पताल प्रबंधन का भी कोई ध्यान नहीं है। इसके अलावा शहर में भी ब्रास मार्केट पार्क, सेक्टर के साथ लगती खाली जगह व नई अनाज मंडी की ग्रीन बैल्ट और साथ लगते रोड पर भी जलभराव बना हुआ है। इसलिए अब डेंगू के फैलाव की चिंता सता रही है। इधर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर व गांवों में अभियान भी चलाया हुआ है। जिसमें घरों की छत व बाहर होदी में भरे पानी में मच्छरों के लार्वा को ढूंढा जा रहा है। लार्वा मिलने पर चेतावनी भी दी जा रही है। अगर फिर भी नहीं मानते हैं तो उनको नोटिस भी थमाया जा रहा है। अब तक जिलेभर में 1350 लोगों को नोटिस थमाया जा चुका है।
गत वर्ष कुल 406 में से आधे शहर में ही मिले विभाग की तरफ से शहर के सेक्टरों में भी खास फोकस किया जा रहा है। क्योंकि पिछले वर्ष कुल 406 मामलों में से आधे से ज्यादा शहर में ही मिले थे। शहर में भी सेक्टर जैसे पॉश इलाके हॉट स्पॉट बन गए थे। सेक्टरों में गमलों तक में मच्छरों के लार्वा पाए गए थे। इसलिए इस बार पिछले दिनों हरियाणा से भी टीम पहुंची थी। इस टीम ने सेक्टरों में सोर्स रिडक्शन का कार्य किया था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिले में ब्रीडिंग चेकर लगाए हुए हैं। ये एक टीम के रूप में शहर व गांवों में डोर टू डोर जाकर कूलर व गमलों, घर के बाहर होदी में भरे पानी में मच्छरों के लार्वा ढूंढ रहे हैं। अगर कहीं पर लार्वा मिलता है तो उसे हिदायत देने के साथ ही नोटिस भी थमाया जा रहा है।
सिर्फ सिविल अस्पताल में ही किए जा रहे एलाइजा टेस्ट डेंगू के अभी तक सिविल अस्पताल में ही एलाइजा टेस्ट किया जा रहा है। सिविल में हर रोज 10 से 15 टेस्ट लग रहे हैं। फिलहाल राहत है कि कोई केस नहीं मिल रहे हैं। अब सितंबर में डेंगू के बढ़ने का खतरा है। डेंगू के जिले में अभी 8 ही मामले हैं।
वहीं, कोसली सब डिवीजनल सामान्य अस्पताल में भी डेंगू के एलाइजा टेस्ट शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उच्च अधिकारियों के समक्ष भी इस संबंध में बात रखी गई है। अभी सिर्फ सिविल अस्पताल में ही टेस्ट होने के कारण कोसली, धारूहेड़ा, कुंड, जाटूसाना व अन्य जगह के लोगों को भी डेंगू के कंफर्म टेस्ट के लिए सिविल अस्पताल में ही आना पड़ता है।